भारत के जैवलिन थ्रोअर संदीप चौधरी ने जाकार्ता में चल रहे एशियाई पैरा खेलों में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है और पुरुषों की एफ 42.44 / 61.64 स्पर्धा में पहला स्थान प्राप्त किया है। संदीप चौधरी ने 60.01 मीटर का थ्रो लगाया और पहला स्थान अपने नाम किया। तो वहीं श्रीलंका के जैवलिन थ्रोअर चमिंडा संपत हेत्ती ने सिल्वर जीता जिन्होंने 59.32 मीटर दूर का थ्रो था। और ब्रॉन्ज मेडल ईरान के ओमिदी अली (58.97 मीटर) ने जीता है।
संदीप चौधरी एफ 42.44/61.64 वर्ग के जैवलिन थ्रोअर हैं जो पैरों की लंबाई में विकार, मांसपेशियों की कमजोरी से संबंधित है। मालूम हो कि भारत ने रविवार को दो रजत पदक और 3 कांस्य पदक जीते थे। पावर लिफ्टिंग में पुरुषों के 49 किलो वर्ग में फरमान बाशा ने रजत पदक जीता था तो वहीं परमजीत कुमार को कांस्य पदक मिला था।
बता दें कि पैरा एथलीट दीपा मलिक ने ट्विटर पर संदीप चौधरी को तस्वीर शेयर कर के बधाई दी है। मालूम हो कि तैराकी में देवांशी एस ने महिलाओं की 100 मीटर बटरफ्लाई में सिल्वर जीता जबकि सुयश जाधव ने पुरुषों की 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में कांस्य पदक जीता था।
पैरा एशियन गेम्स- पैरा एशियन गेम्स हर चार सालों में शारीरिक तौर पर विकलांग लोगों के लिए आयोजित किए जाते हैं। मालूम हो कि पैरा एशियन गेम्स पहली बार वर्ष 2010 में खेला गया था। इनमें 18 खेलों की प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें जीतने वाले को स्वर्ण पदक दिया जाता है। बता दें कि 2010 में यह टूर्नामेंट चीन में हुआ था। उसके बाद 2014 में दक्षिण करिया के इंचियॉन में खेला गया था। इस साल (2018) यह इंडोनेशिया के जकार्ता में खेला जा रहा है 2022 में चीन और 2026 में जापान इसकी मेजबानी करगा। बता दें कि पैरा एशियन गेम्स में चीन ही प्रथम स्थान पर तैनात है। चीन के खाते में कुल 708 मेडल थे। जिसमें से 359 स्वर्ण पदक हैं।