यूपी को बड़ी सौगात: पांच रूटों पर फर्राटा भरेंगी वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें

लखनऊ से पांच रूटों पर वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें दौड़ेंगी। इसमें 480 करोड़ खर्च होंगे। पहले चरण में कानुपर रूट पर ट्रेन उतरेगी। इसमें तीन महीने लगेंगे। 45 मिनट में कानपुर का सफर पूरा होगा। 130 से 160 किमी की रफ्तार भरेगी।

अब वह दिन दूर नहीं, जब लखनऊ से कानपुर सहित पांच रेलखंडों पर हाईस्पीड वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी। इस पर 480 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में लखनऊ से कानपुर के बीच यह ट्रेन पटरी पर उतरेगी, जो महज 45 मिनट में यात्रियों को कानपुर पहुंचा देगी।

दिल्ली से मुम्बई व दिल्ली से हावड़ा, यह देश के दो प्रमुख रेलखण्ड हैं। हावड़ा की मेनलाइन वाराणसी के रास्ते गुजरती है, जिसमें लखनऊ से कानपुर का रेलखण्ड सपोर्टिंग लाइन की तरह जुड़ा हुआ है। इस सेक्शन की खस्ता हालत के चलते ट्रेनों को 80 से 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार पर नहीं चलाया जा पा रहा था।

अपग्रेडेशन का काम पूरा कराया गया
ऐसे में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से रेलखंड के स्टेशनों, ट्रैक, रेलवे पुलों, सिग्नलिंग आदि के अपग्रेडेशन का काम पूरा करवाया गया। डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि मिशन रफ्तार के तहत लखनऊ कानपुर के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है।

बता दें कि रूट पर इंटरलॉकिंग हुई और नए स्लीपर भी बिछाए गए हैं। कानपुर की दूरी 45 मिनट में पूरी हो सकेगी। वंदे भारत मेट्रो 130 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेगी। खास बात यह है कि लखनऊ से कानपुर के अतिरिक्त चार अन्य रूटों पर भी वंदे भारत मेट्रो चलाई जाएगी।

इन रूटों पर चलेंगी वंदे भारत मेट्रो
लखनऊ से पांच रूटों पर वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों को चलाया जाएगा। इसमें पहले चरण में कानपुर रूट पर ट्रेन चलेगी। इसके बाद लखनऊ से प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर रूटों पर भी मेट्रो की तर्ज पर वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे यात्रियों को खासी राहत हो जाएगी।

यह है वंदे मेट्रो चलाने का उद्देश्य
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेनों को चलाने के लिए बजट में प्राविधान किया गया था। इसमें डेढ़ से दो सौ किमी दूरी तय करने के लिए मेट्रो की तर्ज पर इन ट्रेनों को चलाने की बात कही गई थी। इसी को ध्यान में रखकर रेलवे अधिकारी रूटों पर काम कर रहे हैं। मेट्रो ट्रेन में खड़े होने के साथ-साथ बैठने की भी व्यवस्था होगी।

इतना हो सकता है टिकट
वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों का किराया वंदे भारत एक्सप्रेस के आसपास ही हो सकता है। हालांकि टिकट की दरों को तय करने पर अफसर मंथन कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस की तरह यह ट्रेनें सुविधाएं भी देंगी। कानपुर के लिए किराया 500 रुपये, अयोध्या के लिए 750 रुपये, प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी के लिए 900 से हजार रुपये के बीच टिकट दर हो सकती है।

480 करोड़ मिले, चार रूटों पर होंगे खर्च
रेलवे बोर्ड की ओर से वंदे भारत मेट्रो ट्रेनों को चलाने के लिए सभी जोनों को निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में बजट का प्राविधान किया गया था। रेलवे जोन को 480 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसमें लखनऊ से कानपुर रेलखंउ पर काम तकरीबन हो चुका है। यह धनराशि अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर रूट पर खर्च की जाएगी। हालांकि इन रूटों पर संबंधित रेलवे जोनों ने आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर काफी काम किया है।

इतना समय लेंगी वंदे भारत मेट्रो
लखनऊ से कानपुर 80 किमी 45 मिनट
लखनऊ से अयोध्या 160 किमी 90 मिनट
लखनऊ से प्रयागराज 197 किमी 115 मिनट
लखनऊ से वाराणसी 284 किमी 225 मिनट
लखनऊ से गोरखपुर 263 किमी 210 मिनट

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