रिलेशन टूटना कोई खास बात नही है लेकिन क्या कारन है जिससे रिलेशन टूटने की कगार पर आती है. जैसे रिश्ते को कन्टिन्यू रखने के लिए पुरुष और महिला, दोनों की पूरी जिम्मेदारी होती है. ठीक उसी तरह इसे खत्म करने में भी इन दोनों का ही हाथ होता है. लेकिन महिलाओं से ज्यादा पुरुष इस मामले में आगे हैं. भारत से लेकर विदेशों तक में रिलेशनशिप में चीटिंग करने वालों में लगभग 60 प्रतिशत पुरुष हैं. ये अपनी ज़िंदगी और शादी से बोर होकर, जिम्मेदारियों से बचने के लिए एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करते हैं और खास बात ये है कि ऐसा वो अक्सर 30 साल की उम्र में करते हैं. आज ऐसी ही कुछ दिक्कतों के बारे में जानेंगे कि रिलेशनशिप को खत्म करने के लिए अधिकतर पुरुष ही क्यों जिम्मेदार हैं.
परेशान होने पर-
शादी के बाद होने वाले बहुत सारे बदलावों और जिम्मेदारियों को पुरुष इतनी आसानी से स्वीकार नहीं कर पाते और किसी न किसी मानसिक परेशानी का शिकार होने लगते हैं. उस वक्त उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है. जिससे वो अपनी परेशानियां शेयर कर सकें और सामने वाला भी उतनी ही गहराई से उनकी परेशानियों को समझ सकें. पत्नी के पास पहले से ही इतने काम और जिम्मेदारियों का बोझ होता है कि वो इस पर ध्यान नहीं दे पाती और यही वजह होती है कि पुरुष बाहर इस सहारे की तलाश करने लग जाते हैं, और जब उन्हें ये सहारा मिल जाता है तो वह उससे प्यार करने लगता है और यही सहारा रिलेशनशिप टूटने की वजह बनता है. हर चीज की अपनी एक जगह होती है. काम अपनी जगह है और साथ अपनी जगह, जब भी वक्त मिले. वही क्वालिटी टाइम पति के साथ स्पेंड करें जो शादी के कुछ वक्त तक किया करती थीं. थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं, उनके साथ बैठकर उनकी बातें शेयर करें. आगे की लाइफ के बारे में प्लान करें, घूमने-फिरने जाएं, एक साथ कुछ नया ट्रॉय करें, इससे पुरुष अच्छा फील करेंगे और बाहर किसी और की तलाश नहीं करेंगे.
स्वभाव होता-
पुराने समय से एक साथ दो से तीन पत्नियों को रखने का रिवाज चला आ रहा है और ये रिवाज पुरुषों के स्वभाव ने बनाया है. उन्हें अच्छा लगता है एक समय में बहुत सारी महिलाओं का साथ. इसलिए पुरुषों को बाहर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखना या कई सारी गर्लफ्रेंड्स बनाना कहीं से भी गलत नहीं लगता. उनका मानना होता है कि इसकी परमिशन उन्हें पहले से मिली हुई है. महिलाएं उनके इस स्वभाव को बेशक बदल नहीं सकतीं. लेकिन उन्हें रिश्ते की गहराई समझाएं और खुद की जगह रखकर सोचने को कहें, शायद उन्हें इस बात का अहसास हो जाए.
बोरियत-
पुरुषों को थोड़े-थोड़े वक्त के बाद लाइफ में नये चैलेंजेज मिलते हैं और बदलाव की जरूरत भी महसूस होती है. रिलेशनशिप में एक ही टाइप की बातें और नोंक-झोंक ज्यादा समय तक सहने की आदत हर किसी में नहीं होती. पुरुष जल्दी ही इस प्रकार की बातों से ऊब जाते हैं. नए एक्साइटमेंट और थ्रिल के चक्कर में वो बाहर ऐसे किसी रिलेशनशिप की तलाश करने लग जाते हैं. लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि उनकी इस तलाश पर फिर भी फुलस्टॉप नहीं लगता. कुछ वक्त बाद फिर उनके दिमाग का गूगल इंजन एक्टिव होने लगता है.
कमी लगने लगती है-
रिलेशनशिप के पहले के चार्म प्यार को मिस करने पर पुरुष किसी नए रिश्ते की खोज करने लग जाते हैं. पुरुषों को पसंद होता है कि कोई हर वक्त उन्हें प्यार करे. उनकी बातों को सुने और उन्हें पूरा टाइम दे. इसकी जरा सी भी कमी उन्हें रिश्ते में चीटिंग करने को मजबूर करने लगती है. बात सही है कि हर वक्त ऐसा करना पॉसिबल भी नहीं, लेकिन कभी-कभार पति या ब्बॉयफेंड को सरप्राइज दें. उनके लिए खासतौर से कोई कविता या शायरी लिखें, उन्हें बताएं कि वो आपके लिए कितने स्पेशल हैं. गिफ्ट या सरप्राइज पार्टी देकर भी इसे जाहिर किया जा सकता है. पुरुषों को जताएं कि उनके बिना लाइफ अधूरी है.
जिम्मेदारियों से भागना-
महिलाओं और पुरुषों दोनों के ही ऊपर घर-परिवार को चलाने की अलग-अलग जिम्मेदारियां होती हैं. जिन्हें महिलाएं निभाने से पीछे नहीं हटतीं. लेकिन पुरुष कई बार इससे बचने की कोशिश करते हैं. एक उम्र के बाद लगभग सभी पुरुषों के साथ ऐसा होता है. वैसे तो महिलाएं पुरुषों का काम नहीं कर सकतीं और न पुरुष महिलाओं के, फाइनेंशियली न सही, फिजिकली और मेंटली पुरुषों के साथ ज्यादा से ज्यादा रहना उन्हें बाहर किसी रिलेशनशिप को बनाने से रोकता है.
जिंदगी के मायने नहीं-
ऑफिस की भागमभाग, घर की टेंशन, बच्चों को स्कूल भेजने की जिम्मेदारियां एक वक्त तक ही पुरुषों को अच्छी लगती हैं. उसके बाद उन्हें लगने लगता है कि ये सारी चीजें बेकार हैं. इन सारी चीजों के पीछे कहीं न कहीं वो अपने शौक और अपने गोल को भूलते जाते हैं, जिससे उन्हें उब होने लगती है. महिलाओं को चाहिए कि कभी धूल-गर्द पड़े उनके गिटार को उनके सामने रखें, कभी बाइक से राइडिंग की इच्छा जाहिर करें तो कभी उनके साथ ड्रिंक भी शेयर करें, यकीन मानिए, ये सारी चीजें रिश्ते को मजबूत बनाने में बहुत ही कारगर होती हैं.
चीटिंग सही है हर किसी पुरुष के लिए चीटिंग की अलग परिभाषा है. उन्हें सोशल मीडिया पर फ्लर्ट करना, टेक्स्ट करना, डेट पर जाना, हग करना आदि चीजें महज एंटरटेनमेंट का साधन लगते हैं, लेकिन कब ये सारी चीजें डेली लाइफ का हिस्सा बन जाती हैं और इनकी आदत पड़ जाती है. उन्हें खुद पता नहीं लगती. महिलाएं लाइफ में कितनी भी बिजी हों, लेकिन आपसी बातचीत, शेयरिंग जरूर करें. इससे पुरुषों के पास इतना वक्त ही नहीं होगा कि वो ऐसी किसी चीजों में बिजी हों, जो उनके लिए मौज और आपके लिए परेशानी का सबब बने