आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज आत्महत्या केस की जांच कर रहे अफसरों ने बुधवार को उनके दो भाइयों से पूछताछ की। छोटे भाई ने बताया कि महाराज की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी। वह नकदी की समस्या से जूझ रहे थे। पारिवारिक तनाव के बीच लंबित प्रोजेक्ट को लेकर भी परेशान थे। सीएसपी मनोज रत्नाकर के मुताबिक पुलिस अभी तक करीब 20 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। देर शाम भय्यू महाराज के भाई अरुण देशमुख (62) निवासी अमलाय (शाजापुर) के बयान लिए। उन्होंने कहा कि वह सहकारी बैंक में चपरासी पद से रिटायर हुए हैं। इसके बाद महाराज के पास कम ही आना होता था।
नकदी का था संकट
59 वर्षीय छोटे भाई दिलीप देशमुख ने स्वीकारा कि भय्यू महाराज कुछ समय से परेशान थे। उनके पास नकदी खत्म हो गई थी। वह अनुयायियों व अन्य लोगों से मदद मांग रहे थे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। दिलीप ने बताया कि वह को-ऑपरेटिव सहकारी संस्था (अकोदिया) में मैनेजर है। कुछ समय पूर्व महाराज ने सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट का अध्यक्ष भी बना दिया था। महाराज के कहने पर संस्था के दस्तावेज की जांच कर देते।