विश्व कप के इतिहास में कई दिग्गज गोल स्कोरर हुए हैं। गेर्ड मुलर (वेस्ट जर्मनी), पाओलो रोसी (इटली), रोनाल्डो (ब्राजील), गेब्रियल बतिस्तुता (अर्जेंटीना), मार्को वेन बास्टेन (नीदरलैंड्स) ऐसे गोल स्कोरर रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से विश्व कप को कई यादगार लम्हे दिए हैं। 14 जून से रूस में शुरू होने वाले विश्व कप में एक बार फिर अलग-अलग देशों के स्ट्राइकर आगे आकर प्रदर्शन करना चाहेंगे। तो आइए आपको बताते हैं इस बार के कुछ शानदार स्ट्राइकरों के बारे में जिन पर पूरी दुनिया की नजरें होंगी।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो (पुर्तगाल) : 2006 फुटबॉल विश्व कप क्वालीफाइंग में पुर्तगाली स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने सात गोल किए थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। यहीं से उनके शानदार सफर की शुरुआत हुई। इस विश्व कप में वह सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी के खिताब से नवाजे गए। पेनल्टी शूट आउट में उनके ही गोल के बाद पुर्तगाल की टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी। छह फरवरी 2007 को अपने जन्मदिन पर उन्हें पहली बार अपने देश की कप्तानी करने का मौका मिला। यूरो कप 2008 में उन्हें पहली बार सात नंबर जर्सी दी गई। इस टूर्नामेंट में उन्होंने क्वालीफाइंग में आठ गोल किए। रोनाल्डो के क्लब करियर के बारे में सब वाकिफ हैं। पुर्तगाल के लिए 149 मैचों में रोनाल्डो 81 गोल दाग चुके हैं और अपने चौथे विश्व कप में उन पर पुर्तगाल को विजेता बनाने की जिम्मेदारी है।
लियोनेल मैसी (अर्जेंटीना) : अर्जेंटीनी स्टार लियोनेल मैसी का एकमात्र सपना अपनी टीम को फुटबॉल विश्व कप विजेता बनाना है। बार्सिलोना क्लब का यह खिलाड़ी अब देश के इस सपने को पूरा करने के लिए तैयार है। 124 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 64 गोल कर चुके अर्जेंटीना की सबसे बड़ी उम्मीद मैसी ही हैं। 2005 में अंडर-20 विश्व कप फाइनल में दो गोल करके रातों रात मैसी सुर्खियों में आ गए थे। जिसके बाद आखिरकार उन्हें 2006 विश्व कप खेलने का मौका मिला। मैसी अब तक तीन विश्व कप खेल चुके हैं और चौथे विश्व कप में उनके सामने बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि यह उनका आखिरी विश्व कप भी हो सकता है।
नेमार (ब्राजील) : नेमार 2010 से ब्राजील की फुटबॉल टीम में शामिल हैं। पांच मार्च 2014 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक दोस्ताना मुकाबले में उन्होंने गोल की हैट्रिक लगाई थी। यहीं से वह दुनिया के सामने स्टार बनकर उभरे थे। विश्व कप 2014 में वह क्रोएशिया के खिलाफ अपना 50वां अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेले। इस टूर्नामेंट में वह तीसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बने थे और उन्होंने ब्रांज शू का खिताब जीता था। नेमार भले ही इस बार फिटनेस से जूझ रहे हों, लेकिन वह ब्राजील के लिए एक बड़ी उम्मीद हैं। ब्राजील के लिए अब तक खेले 83 मैचों में वह 53 गोल दाग चुके हैं।
रॉबर्ट लेवांदोवोस्की (पोलैंड) : पोलिश फुटबॉल के किंग और निसंदेह दुनिया के शीर्ष स्ट्राइकरों में से एक रॉबर्ट लेवांदोवोस्की अपने देश को विश्व कप का खिताब जिताने के लिए बेकरार हैं। रॉबर्ट दोनों पैरों से किक लगा सकते हैं। कुछ सालों से वह यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में से एक हैं। कप्तान के रूप में भी वह अपनी टीम को जिताने के लिए तैयार हैं। यूरोपियन विश्व कप क्वालीफाइंग में रॉबर्ट ने 16 गोल किए थे। अपने करियर में वह अब तक 91 मैचों में 51 गोल कर चुके हैं। यह आकंड़े उनकी क्षमता बताने के लिए काफी हैं।
हैरी केन (इंग्लैंड) : हैरी केन के कंधों पर ही इंग्लैंड को विश्व कप खिताब दिलाने की प्रशंसकों की उम्मीदें टिकी हुई हैं। वह इंग्लैंड को खिताब दिलाने की क्षमता भी रखते हैं। टॉटनहम हॉट्सपर के स्टार स्ट्राइकर हैरी इंग्लैंड के कप्तान भी हैं। हैरी अपनी टीम की लिस्ट में नंबर एक खिलाड़ी हैं, क्योंकि उनकी गोल पर नजरें और गोल करने की असाधारण क्षमता उन्हें दूसरे खिलाडिय़ों से अलग खड़ा करती है। हैरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता दिखाने को तैयार हैं। हैरी ने इंग्लैंड के लिए अब तक 23 मुकाबले खेले हैं, जिनमें उनके नाम 12 गोल दर्ज हैं।
एडिनसन कावानी (उरुग्वे) : एडिनसन कावानी को अल माताडोर कहा जाता है। इस विश्व कप में उरुग्वे टीम का यह खिलाड़ी अपने स्टार साथी खिलाड़ी लुइस सुआरेज के साथ टीम को खिताब जिताने उतरेगा। एक स्ट्राइकर की सभी खूबियां कावानी में मौजूद हैं और वह इस विश्व कप में शीर्ष स्कोरर बनना चाहेंगे। उनका खेलने का स्टाइल और सही समय पर जगह बनाने की उनकी क्षमता उन्हें इस विश्व कप में सबसे खतरनाक स्ट्राइकर बनाती है। 98 मैचों में अब तक वह 38 गोल कर चुके हैं। विश्व कप क्वालीफाइंग इतिहास में वह 21 गोल करके शीर्ष स्कोर करने की बराबरी कर चुके हैं। ऐसे में कावानी को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा।
रोमेलू लुकाकू (बेल्जियम) : मैनचेस्टर युनाइटेड के जर्सी नंबर 9 इस विश्व कप में गोल्डन शू का अवार्ड जीतने के लिए सभी के पसंदीदा हैं। उनकी क्षमता, गति, गोल पर नजरें और ऑलराउंडर खेल से रोमेलू बेल्जियम टीम को टूर्नामेंट में बहुत आगे तक ले जा सकते हैं। इस विश्व कप में वह सबसे बेहतरीन स्ट्राइकरों में से एक हैं। बेल्जियम के लिए 61 मुकाबले खेलते हुए उन्होंने 25 गोल किए हैं। वह इस विश्व कप में अपने गोलों की संख्या को बढ़ाना चाहेंगे।
रादमेल फालकाओ (कोलंबिया) : कुछ खराब वर्ष गुजरने के बाद अब रादमेल फालकाओ का अच्छा समय चल रहा है। फालकाओ का जर्सी नंबर 9 के साथ कोलंबिया के लिए यह आखिरी टूर्नामेंट हो सकता है। 2014 ब्राजील विश्व कप चूकने वाले फालकाओ रूस में शानदार प्रदर्शन करना चाहते हैं। उनकी गोल पूरा करने की क्षमता बेहद खास है। कोलंबिया के लिए 70 मैचों में उन्होंने अब तक 28 गोल दागे हैं।
अल्वारो मोराता (स्पेन) : स्पेन की टीम फर्नांडो टोरेस का विकल्प खोज रही है। स्पेन के लिए अल्वारो मोराता पिछले काफी समय से शीर्ष स्ट्राइकर का रोल निभा रहे हैं, लेकिन इस बार स्पेन को दूसरा खिताब जीतने की सबसे बड़ी उम्मीद अल्वारो मोराता पर ही है। अपनी क्षमता, गति, ताकत और काफी अच्छे दिमाग के साथ चेल्सी के स्टार स्ट्राइकर विश्व कप में गोल्डन शू के बड़े दावेदारों में से एक हैं। मिडफील्डरों के साथ अच्छे तालमेल की वजह उन्हें अलग तरह का स्ट्राइकर बनाती है। स्पेन के लिए 22 मैचों में अब तक वह 11 गोल कर चुके हैं और इस विश्व में वह अपने गोलों की संख्या को बढ़ाने उतरेंगे।
ओलिवियर गिरोड (फ्रांस) : ओलिवियर गिरोड फ्रांस के कोच दिदिएर देस्चैंप्स के पसंदीदा खिलाड़ी हैं। उनकी मैच पर पकड़ और निस्वार्थ रवैया उन्हें एक खास खिलाड़ी बनाती है। फ्रांस के एंटोनिया ग्रीजमैन, पॉल पोग्बा, केलियन जैसे स्टार खिलाडिय़ों के बीच गिरोड एक अलग जगह बनाते हैं। फ्रांस की टीम विश्व कप की सबसे बड़ी दावेदार है। आर्सेनल के इस खिलाड़ी के खेल से सभी वाकिफ हैं। फ्रांस के लिए 68 मैचों में वह अब तक 28 गोल दाग चुके हैं और फ्रांस को खिताब जीता सकते हैं।
गैब्रियल जीजस (ब्राजील) : गैब्रियल जीजस ब्राजील टीम के सबसे युवा खिलाड़ी हैं। ब्राजील टीम के इस खिलाड़ी में कदमों की बेहतर तालमेल और सोच है, जो उनको अलग बनाती हैं। विश्व कप क्वालीफाइंग में उन्होंने नेमार के संग मिलकर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। यहां 11 मैच में उन्होंने सात गोल किए थे। ऐसे में इस युवा खिलाड़ी पर अच्छे प्रदर्शन की जिम्मेदारी होगी।