पंजाब में विद्रोह पर उतारू आम आदमी पार्टी के विधायकों के सुखपाल खैहरा और कवर संधू गुट को एक बड़ा झटका लगा है. पंजाब प्रभारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से दिल्ली में बुलाई गई पंजाब के विधायकों की बैठक में 20 में से 14 विधायक जा रहे हैं. यानि नाराज विधायकों की संख्या अब 6 के आसपास रह गई है. ऐसे में पार्टी पर पंजाब में जो टूट का संकट खड़ा हुआ था वो खत्म होता हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि ये 14 विधायक अभी भी नाराज हैं, लेकिन उम्मीद है कि संजय सिंह और मनीष सिसोदिया मिलकर इनको पूरे हालात समझाएंगे और मनाने की कोशिश करेंगे.वो 14 विधायक जो सिसोदिया के घर होने वाली बैठक में शामिल होंगे…
1. बरनाला से आप विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर
2. भदौड़ से आप विधायक पिरमल सिंह खालसा
3. दाखा से विधायक हरविंदर सिंह फूलका
4. दिड़बा विधायक एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा
5. गढ़शंकर से विधायक जय कृष्ण
6. जरगांव से विधायक सरबजीत कौर मनुके
7. जैतू विधायक बलदेव सिंह
8. कोटकपूरा से विधायक कुलतार सिंह संधवां
9. मानसा से विधायक नज़र सिंह मनशाहिया
10. महल कलां से विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी
11. रायकोट से विधायक जगतार सिंह जग्गा
12. रूपनगर से विधायक अमरजीत सिंह संदोआ
13. सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा
14. तलवंडी सबो से विधायक प्रो. बलजिंदर कौर
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की माफी पर आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट में आर-पार की नौबत आ गई है. विवाद के बाद पंजाब प्रभारी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सोसिदया ने आज पंजाब के 20 विधायकों की बुलाई बैठक थी, लेकिन विधायकों ने बैठक में आने से इनकार कर दिया था. उलटा विधायकों ने उन्हें पंजाब आकर मिलने के लिए चिट्ठी लिख डाली.
पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल ने उनसे लिखित माफी मांगी तो पंजाब के आप नेताओं ने बगावत शुरू कर दी.
सांसद भगवंत मान समेत दूसरे पार्टी नेताओं ने खुलेआम केजरीवाल के इस कदम का विरोध किया और नाराजगी जताई. डैमेज कंट्रोल के लिए आज मनीष सिसोदिया ने शाम 5 बजे दिल्ली में पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में अरविंद केजरीवाल को भी शामिल होना है. लेकिन सुखपाल खैहरा खेमे के विधायक कवर संधू ने चिट्ठी लिखकर आने से इनकार कर दिया. उन्होंने अपने चिट्ठी में साफ कर दिया है कि बैठक में शामिल होने कोई विधायक दिल्ली नहीं जाएगा. जिन्हें बात करनी है वो खुद चंडीगढ़ आकर बात करें.
चिट्ठी में क्या लिखा
कंवर संधू ने लिखा, ‘जब राज्य की पार्टी ईकाई को स्वतंत्र तरीके से काम करने दिया जाएगा, तभी पंजाब में पार्टी में चल रहा संकट खत्म होगा. पहले भी कई बार केजरीवाल और दिल्ली के केंद्रीय नेतृत्व से ये बात कही जा चुकी है कि पंजाब के मामलों में उनका दखल नहीं रहेगा और भगवंत मान और सुखपाल खैहरा मिलकर ही पंजाब के मामलों से जुड़ा हर फैसला लेंगे.’
इससे पहले शनिवार को केजरीवाल ने पंजाब के नेताओं से मुलाकात की थी. इस बैठक में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा तीन विधायक बलजिंदर कौर, कुलतार सिंह और अमरजीत सिंह बैठक में शामिल हुए थे. हालांकि, मीटिंग में क्या बातचीत रही इस पर पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है.
सुलह की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और पंजाब के विधायक एचएस फुल्का विधायकों के मान-मनौव्वल में लगे हैं और उनकी कोशिश है कि पंजाब के अधिकतर विधायक आज की बैठक में शामिल हों. विधायकों से अलग अलग बात भी की गई है.
आप में भूचाल के बाद भले ही विधायकों को समझाने-बुझाने की कवायद तेज है. लेकिन लगता नहीं कि विधायक आसानी से मानने वाले हैं. खबर तो ये भी है कि आप विधायक अलग पार्टी बनाने की भी सोच रहे हैं. यानी केजरीवाल को मजीठिया से माफी मांगना बहुत भारी पड़ सकता है.