दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाइक को शांतिदूत कहा. और वो अल्ट्रा सेकुलर की उपाधि गांठ ले गए. जाकिर नाइक से आतंकी प्रभावित था. ये बात जब कही गई तो एक धड़ा भयानक खुश हुआ. दूसरा गुस्से में उबलने लगा. लेकिन किसी ने ये न सोचा कि दूसरे धर्म के लोगों को मार देने के लिए जो प्रेरणा मिलती है. उसका सीधा प्रसारण इसी के पास से होता है. दो दिन पहले हमने स्टोरी लिखी थी.
उस पर तमाम लोग सहमत हुए. तमाम ने गालियां दीं. गाली देने वाले उसके फैन हो सकते हैं. लेकिन सौ परसेंट फॉलोवर नहीं हो सकते. अगर होंगे तो उनको भी उसी काम में जन्नत दिखेगी जिसमें बांग्लादेश के आतंकियों को दिखी. लेकिन फिर भी एक बार रिस्क लेना चाहिए.
लोग कहते हैं कि भारत में सभी को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है. तमाम हिंदू धर्मगुरू करते हैं. तो कायदे से उनको भी सही धंधे में लगाना चाहिए. प्रवचन वाला माइक छीन कर खेतों में भेजना चाहिए. जहां वो कुछ मेहनत करके कमाएं खाएं. धर्म सबका पर्सनल मामला है. किसको कैसे अपना धर्म बरतना है, ये तय करने के लिए किसी धर्मगुरू की जरूरत अब नहीं है.
लेकिन उस बहस से अलग, जाकिर नाइक का इस्लाम को प्रचारित करने का तरीका शातिर है. जिसने धर्म की किताबें नहीं पढ़ीं वो भी जानता होगा कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है. किसी को नुकसान पहुंचाना सबसे बड़ा पाप. लेकिन कुरान हाथ में लेकर बताना कि इस्लाम दुनिया का अकेला रिलीजन है. कुरान एकमात्र प्रमाणित धर्मग्रंथ है. तो कैसे गुरू. हाऊ फन्नी.
खैर वो बहुतों का हीरो होगा. जो उसे नाइक नहीं नायक बताते हैं. उनको चैलेंज लेना चाहिए कि पूरा का पूरा हंड्रेड परसेंट फॉलो करें. 24 घंटे के अंदर किसी कोने में मरे पड़े मिलेंगे. या तो पुलिस मार देगी या खुद आत्मघाती हमलावर बनके, चीथड़े होके पड़े होंगे. उनकी रूह झाड़ू लेकर उनको बटोर रही होगी. नहीं मानते तो उनके ये दो चार वीडियो देख लो. फिर इसे पूरा का पूरा फॉलो करना. म्यूजिक, फोटोग्राफी, इश्क पर पाबंदी. टेररिज्म और सुसाइडल अटैक की तरफदारी करने वाला आदमी कित्ता बड़ा शांतिदूत होगा. ये वीडियो देखके फैसला कर लो. लेकिन जल्दी देखो नहीं तो हटा देगी सरकार.
1. म्यूजिक सुनना हराम है. अगर सच्चे मुसलमान हो तो इससे दूर रहो. इस हिसाब से बड़े गुलाम अली के फैन हो लो, नुसरत के रह लो, आतिफ असलम के रहो या जाकिर नाइक के फैन बनो.
2. ये वीडियो जरा कॉमिक है. इसमें अपनी वीडियो शूटिंग कराते हुए जाकिर नाइक बता रहे हैं कि वीडियो शूटिंग इस्लाम में हराम है. फोटोग्राफी भी.
3. ये वाला पिछले वाले से ज्यादा हंसाने की कूवत रखता है. जब एक लड़की ने अपने क्वेस्चन से नाइक की थ्योरी खनका दी. तो भड़क गए. उसे कपिल शर्मा टाइप के लॉजिक देने लगे और 2+2 का जोड़ समझाने लगे. खुद देख लो कि सब बता ही दें यहां.
4. इसमें एक साहब खड़े होकर बड़ी जल्दी में पूछते हैं. क्या लड़कियों का लव मैरिज करना इस्लाम में जायज है? उन साहब को लड़कों की कोई फिक्र नहीं. न लव की न मैरिज की. फिक्र है इस्लाम की. तो भैये शादी करनी ही क्यों है. और अपनी देखो, लड़कियों का उनको सोचने दो. फिर जाकिर नाइक का झकास वाला जवाब. कि शादी से पहले लव नहीं हो सकता. लॉजिक इतना घटिया कि अल्लाह मालिक. कहा अगर लैला मजनू की शादी हो जाती तो पता नहीं दोनों का घर कैसे चलता.
5. शादी से पहले प्यार करना हराम है. लेकिन लड़ाई में जीती हुई औरत से रेप करना जायज है. इस आदमी के फॉलोवर ऐसे ही बीमार होंगे.
6. फिर देखो पश्चिमी देशों की जनता की तुलना सुअर से की. पहले तो ये क्लियर कर लो कि सुअर भी इसी दुनिया में रहता है. उसे भी खुदा ने भी बनाया होगा तुम्हारे हिसाब से. क्या उसने तुमको सुअर की बेइज्जती करने का हक भी दिया है. उसके बाद उससे जोड़कर इंसान की बेइज्जती. उसकी जीवन शैली तुमसे अलग है. खाने पीने के इंटरेस्ट अलग हैं. शादी औऱ प्यार का तरीका अलग है. परंपराएं अलग हैं. तो वह सुअर हो गए. और सुनो. सुअर को दुनिया का सबसे बेशर्म और गंदा जानवर बताया है. जो किसी के साथ भी सेक्स में जुट जाता है. बकरा हलाल है. क्योंकि वो बकरी की तरफ जाने से पहले जाकिर नाइक की परमीशन लेता है.
7. सुसाइड बॉम्बिंग आतंकवाद का सबसे कामयाब तरीका है. जाकिर नाइक के हिसाब से वो हराम नहीं है. न ही आतंकवाद हराम है. अब बन जाओगे फुल फॉलोवर जाकिर नाइक के.
तो भैया हम देखे कि दुनिया के तमाम मोटिवेशनल स्पीकरों की तरह ये भी एक भोंपू है. बेसिर पैर की बातें. अंग्रेजी आती है, शायद मेडिकल की डिग्री भी है. भीड़ इकट्ठी करने में माहिर है. बस इतनी सी कला इसको दुनिया का सबसे ज्ञानी इंसान बनाती है. ये सारी दुनिया से बता सकता है कि क्या हलाल है क्या हराम? लेकिन भाई, जो आदमी वीडियो के सामने वीडियोग्राफी को हराम बताता है, अपन को उसका फॉलोवर नहीं बनना.