पटना। ध्वनि प्रदूषण से संबंधित चार जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान बुधवार को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन ने पटना पुलिस के दावों की पोल खोल दी। अदालत में सुनवाई करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले आधी रात में लाउडस्पीकर के शोर से परेशान होकर उन्होंने पटना पुलिस के कंट्रोल रूम नंबर 100 पर कॉल की थी, लेकिन फोन नहीं उठा। यहां तक कि कंट्रोल रूम से किसी ने कॉल कर पूछा भी नहीं कि आपने फोन क्यों किया था?
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर बंद करने का आदेश जारी किया है। हालांकि, पटना पुलिस इसका सख्ती से पालन नहीं कराती। ध्वनि प्रदूषण को लेकर पटना हाईकोर्ट में चार जनहित याचिकाएं दायर हुई हैं। उनकी सुनवाई करते हुए बुधवार को चीफ जस्टिस ने अदालत में अपना अनुभव साझा किया।
बताया कि कुछ दिन पहले छज्जूबाग स्थित उनके सरकारी आवास के पास जोर-जोर से लाउडस्पीकर बज रहा था। उन्होंने घड़ी देखी तो रात के एक बज रहे थे। इसके बाद उन्होंने 100 नंबर पर कॉल कर पटना पुलिस को जानकारी देनी चाही, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। उनके नंबर पर कॉल बैक कर परेशानी पूछने की जहमत तक नहीं उठाई गई।
गौरतलब है कि महीने भर पहले एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ने दीघा-आशियाना रोड में पासपोर्ट ऑफिस के पास महिला का पर्स छीन कर भाग रहे दो उचक्कों को दबोच लिया था। उन्होंने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाना चाहा। कई बार कॉल की पर किसी ने रिसीव नहीं किया। यह वाकया तब हुआ, जब अधिकारी अपनी सरकारी गाड़ी से घर से दफ्तर जा रहे थे।