तीन तलाक के खिलाफ केंद्र सरकार का नया बिल अभी भले ही आधे रास्ते में हो मगर उसका असर अभी से दिखाई देने लगा है। इसकी बानगी बुधवार को गोंडा जिले के वजीरगंज थाने में देखने को मिली।
एक सप्ताह पहले मामूली विवाद में अपनी पत्नी को तीन तलाक देने वाले पति के खिलाफ जैसे ही पत्नी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की वैसे ही तलाक देने वाले पति के होश ठिकाने आ गए और थाने में ही समझौता कर वह पत्नी को अपने घर लाने पर राजी हो गया। पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच में लिखित समझौता कराकर पत्नी को उसके पति के साथ भेजा।
वजीरगंज थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर पचूमी निवासी फौजदार ने अपनी बेटी शबनम जहां का निकाह पांच वर्ष पूर्व बस्ती जिले के हरैया थाना क्षेत्र के बेलरे शुक्ल गांव के रहने वाले खुर्शीद आलम के साथ की थी। शबनम जहां के दो बेटे आसिफ (4) व रियाज (2) हैं। एक वर्ष पूर्व हुए मामूली विवाद के बाद खुर्शीद आलम ने अपनी पत्नी शबनम जहां को मारपीट कर घर से निकाल दिया था।
बड़े बेटे आसिफ को खुर्शीद ने अपने पास रोक लिया था जबकि छोटा बेटा रियाज अपनी मां के साथ ननिहाल में रह रहा था। शबनम जहां का कहना है कि उसे यह उम्मीद थी कि गुस्सा शांत होने पर उसका पति आकर उसे ले जायेगा।
‘तलाक सुनकर पत्नी बदहवाश हो गई’
बीते शुक्रवार को खुर्शीद अपने दो साथियों के संग अपनी ससुराल पहुंचा और पत्नी को साथ लाने के बजाय वहां तीन तलाक बोलकर वापस लौट गया। तलाक सुनकर शबनम बदहवाश हो गई। शबनम की मां ने सहरुननिशा ने बेटी को ढांढस बंधाया और इस मामले की शिकायत पुलिस से करने का फैसला किया।
मंगलवार को मां बेटी वजीरगंज थाने पहुंची और थानाध्यक्ष विनय कुमार सरोज को पूरी दास्तां सुनाई। एसओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रात में ही शबनम के पति खुर्शीद को धर दबोचा और थाने ले आए।
थाने पहुंचने पर पुलिस ने खुर्शीद को उसके दोनों बच्चों के भविष्य का वास्ता देकर समझाने का प्रयास किया मगर वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। मगर जब उसे तलाक के खिलाफ पारित होने जा रहे नये कानून की जानकारी दी गई तो उसके होश ठिकाने आ गए और वह शबनम को घर वापस ले जाने के लिए तैयार हो गया।