पंजाब के एक गांव के रहने वाले रीना और सूरज कुमार की बेटी, ‘चाहत’ सिर्फ 8 महीने की है लेकिन इस बच्ची का वजन 20 किलो के बराबर है। सूरज का कहना है कि उनकी बेटी का वजन पैदा होने के बाद आम बच्चों जितना ही था लेकिन जब चाहत 4 महीने की हुई, तब उसका वजन तेजी से बढ़ने लगा। मां रीना को समझ नहीं आता कि उनकी बच्ची की भयानक भूख और बढ़ते वजन का कारण क्या है? चाहत का वजन किसी 4 साल के बच्चे के बराबर है। बढ़ते वजन के साथ ही चाहत की चमड़ी भी बहुत सख्त हो गई है। इस कारण चाहत का ब्लड टेस्ट करना भी मुश्किल है।
महिला के हाथों में थे काले निशान, डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कुछ ऐसा…. ज्यादा वजन के कारण चाहत को सोने और सांस लेने में भी परेशानी होती है। उसके मां बाप ने कई बार ब्लड टेस्ट कराने की कोशिश भी की, पर सख्त चमड़ी के कारण वो जांच करने में असफल रहे।चाहत के खाने के बारे में मां ने बताया, ‘चाहत अपने उम्र के बच्चों से 4 गुना अधिक खाती है। खाना नहीं मिलने पर रोती है। उसे उठाने में काफी दिक्कत होती है, इसलिए हम उसे आस-पास की जगहों पर ही घुमाने ले जाते हैं’
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उसके पिता का कहना है कि, ‘लोग अकसर चाहत को देखकर हंसते हैं और फब्तियां कसते हैं। हमारी गलती के कारण चाहत की ऐसी हालत नहीं हुई है। ये तो भगवान की देन है। चाहत अपने माता-पिता की इकलौती संतान है, माता-पिता उसकी आने वाली जिन्दगी को लेकर बहुत चिंतित हैं। परिवार की आर्थिक हालात भी ऐसी नहीं है कि किसी बड़े अस्पताल में चाहत की जांच करवाई जा सके। माता-पिता से अपने बच्ची की ऐसी हालत देखी नहीं जाती। मां रीना ने बेबसी जाहिर करते हुए बताया, ‘मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी भी दूसरे बच्चों की तरह खेले-कूदे। मैं चाहत के लिए एक अच्छी और स्वस्थ जिंदगी चाहती हूं’।