नई दिल्ली: सीमा पर भारत-पाकिस्तान के संबंध इस साल कुछ ज्यादा ही तनाव वाले रहे हैं। आप इस बात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि 2010 के बाद इस साल सबसे ज्यादा भारतीय जवान शहीद हुए हैं।
90 के दशक से आतंकवाद की आग में जल रहे जम्मू कश्मीर में 2010 में 52 सैनिक शहीद हुए थे। उसके बाद संख्या काफी कम हो गई थी।
2013 से संख्या बढ़ने लगी लेकिन इस साल अब तक 53 सैनिक शहीद हो चुके हैं।
जानकार बताते हैं कि दो दशक पहले जब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब हर सैनिक की शहादत के मुकाबले चार आतंकवादी मारे जाते थे। पिछले दशक में अनुपात सुधरा और हर शहादत के मुकाबले छह आतंकवादियों की मौत दर्ज की जाने लगी।
पिछले कुछ बरसों के दौरान महज दो से तीन आतंकवादियों के मरने का अनुपात दर्ज किया जा रहा है।
2010 में जहां 52 जवान शहीद हुए थे, वहीं 2016 में 53 जवान शहीद हुए।