इस्लामाबाद. बीते दिनों विश्व स्तर पर पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर का सहयोग देने की बात सामने आई थी. अब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ ने कहा है की उनकी सरकार ने कश्मीर में स्वतंत्रता सेनानियों (आतंकियों) को अपने नियंत्रण में कर रखा था किन्तु बाद में उन्हें अहसास हुआ कि यह राजनीतिक प्रक्रिया है और भारत के साथ इस मुद्दे पर बात करना जरूरी है. उन्होंने बताया की उनकी सरकार ने भारत पर दबाव बना कर कई मुद्दों पर बात करने के लिए सहमत कर लिया था.
पाकिस्तान ने तैनात की अफगानिस्तान की ओर तोप
ट्रंप की पॉलिसी के खिलाफ अमेरिका में लगे ‘मैं भी मुसलमान हूं’ के नारे
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने जानकारी दी की उनकी सरकार कश्मीर के स्वंतंत्रता सेनानियो को अपने नियंत्रण में लेने में कामयाब हो गई थी. मुशर्रफ ने यह स्पष्ट करते हुए कहा की पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने के लिए समग्र दृष्टिकोण और योजना की आवश्यकता है. मुशर्रफ ने पाकिस्तान सरकार से सवाल किए की वह देश में सक्रिय स्लीपर सेल को खत्म करने के लिए क्या कर रही है। मुशर्रफ का मानना है कि उनके सत्ता से बाहर होने पर पंजाब आतंकवाद का गढ़ बन गया. बता दे की हाफिज सईद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया की वे उसे आतंकी नहीं मानते।
उन्होंने दावा किया कि भारत सईद के पीछे इसलिए प़़डा है क्योंकि सईद के कार्यकर्ता, जिन्हें भारत आतंकी मानता है, कश्मीर में जाकर भारत की सेना से ल़़ड रहे हैं. वही दूसरी और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने जवाब दिया है कि हाफिज सईद अंतरराष्ट्रीय आतंकी और मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है और वह वर्तमान पाकिस्तान सरकार के हाफिज सईद को आतंकवादी की सूचि में शामिल किये जाने वाले निर्णय की सराहना करते है.