2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटीं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। देश में सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए उन्होंने समान विचारधारा वाले दलों से देश के व्यापक हित में आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने की अपील की।

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन के रूप में वह और राहुल तथा अन्य नेता नियमित रूप से समान विचारधारा वाले दलों के साथ बैठक कर रहे हैं। हमने पहले भी मिलकर काम किया है और संसद खासकर राज्यसभा में यह सामंजस्य देखने को मिला भी है।
सोनिया गांधी कांग्रेस या कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन के 2019 लोकसभा चुनावों में सत्ता में वापसी के बारे में आश्वस्त दिखीं। गांधी ने कहा, “हम वापस लौट रहे हैं। हम उन्हें सत्ता में लौटने नहीं देंगे।” कांग्रेस नेता ने गठबंधन के संबंध में अपनी पार्टी के भीतर प्रतिरोध की ओर इशारा किया, जो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को चुनौती देने के लिए एक बड़ा गठबंधन हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे दलों का एक साथ आना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर कुछ मुद्दों पर हम एकजुट हो सकते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर हम खिलाफ हैं। पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में कांग्रेस समेत सभी दलों पर बहुत दबाव है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया ने भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए विपक्षी दलों को 13 मार्च को दिल्ली में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया है।
क्या विकास सिर्फ पिछले चार साल में हुआ
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या 26 मई 2014 से पहले देश पूरी तरह से एक ब्लैक होल था। क्या देश में विकास और तरक्की केवल चार साल पहले ही हुई। क्या यह कहना देश के हजारों करोड़ों लोगों की बुद्धिमता का अपमान नहीं है।
भाजपा ने मुस्लिम पार्टी का ठप्पा लगाया
सोनिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देशभर में कांग्रेस को मुस्लिमों समर्थक पार्टी होने का ठप्पा लगाया और वह अपने इस काम में सफल भी रही। लेकिन हकीकत यह है कि वह, राहुल सभी मंदिर जाते रहे हैं। राजीव गांधी के साथ भी मंदिर गईं लेकिन हमने कभी इसका प्रचार नहीं किया।
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