मध्य सत्र में चीफ फार्मासिस्ट और फार्मासिस्टों के तबादले पर जताया आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
लखनऊ। अभी चन्द घंटे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के भ्रष्टाचार वाले बयान से पैदा हुआ विवाद शांत भी नहीं हो पाया था कि फार्मासिस्टों के माथे पर फिर आक्रोश की सिलवटे उभर आयी हैं, इस बार वजह कोई बयान नहीं बल्कि फिर से बड़े पैमाने पर चीफ फार्मेसिस्ट और फार्मेसिस्ट के स्थानांतरण आदेश जारी करने का मसला है। अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर आंदोलन की स्थिति पैदा हो सकती है।
यह जानकारी देते हुए डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के महामंत्री के के सचान एवं प्रवक्ता सुनील यादव ने बताया है कि शासन के निर्देश पर महानिदेशालय द्वारा चीफ फार्मेसिस्ट और फार्मेसिस्ट के स्थानांतरण आदेश जारी किये जा रहे हैं। दोनों नेताओं का कहना है कि स्थानांतरण की अंतिम तिथि 31जुलाई बीते 3 महीने हो चुके हैं । अब मध्य सत्र में स्थानांतरण करना निःसंदेह संदेह उत्पन्न करता है कि आखिर इन आदेशों का औचित्य क्या है और इसके पीछे का खेल क्या है?
नेताद्वय ने बताया कि प्रमुख सचिव से हुई वार्ता में उन्होंने केवल रिक्त पदों पर अनुरोध के आधार पर स्थान्तरण की बात कही थी जबकि स्थानांतरण लिस्ट में शामिल कोई भी फार्मेसिस्ट ने तबादले का स्वयं अनुरोध नहीं किया था ।
के के सचान एवं सुनील यादव ने केवल ऑन रिक्वेस्ट स्थानांतरण को छोड़कर मध्य सत्र में अन्य स्थानांतरण न करने की मांग की है, साथ ही कहा है कि अगर तबादले हुए और स्थानांतरण के नाम पर धनवसूली का खेल हुआ तो हमारा संघ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा ।
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