पेट्रोल-डीजल की कीमतें सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 69.07 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, डीजल के लिए 58.33 रुपये प्रति लीटर का भुगतान करना पड़ रहा है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही इस बढ़ोत्तरी के लिए कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं.
हो सकता है 2 रुपये का इजाफा
मनीभास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सीधे 2 रुपये की बढ़ोत्तरी हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो सरकार की तरफ से इस बार राहत मिलने के आसार कम हैं. पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जरूर जताई है. हालांकि एक्साइज ड्यूटी घटाने के सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतें
दरअसल कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. बुधवार को यह 65.70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. यह कच्चे तेल की कीमतों का 30 महीने का सबसे ऊंचे दाम हैं. इंडियन बास्केट की बात करें, तो कच्चे तेल की कीमतें 61.70 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई हैं.
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहे इस इजाफे से तेल कंपनियों पर दबाव पड़ रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव खत्म होने के बाद कंपनियां कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी कर सकती हैं.
रोजाना तय होती हैं कीमतें
बता दें कि मौजूदा समय में रोजाना स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटती बढ़ती हैं. इस दौरान इनकी कीमतों में 3 से 4 पैसों की बढ़ोतरी होती है या फिर घटती है. लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा तेल कंपनियों की मार्जिन को कम कर रहा है. इस वजह से कंपनियां कीमतें बढ़ाने का फैसला ले सकती हैं.
वैट घटाने को लेकर बढ़ेगा दबाव
केंद्र सरकार पहले की पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए एक्साइज ड्यूटी घटा चुकी है. उसके साथ ही कुछ राज्यों ने भी वैट में कटौती की है. कच्चे तेल की कीमतों में लगातार आ रही इस बढ़ोतरी के बाद अन्य राज्यों पर भी वैट घटाने को लेकर दबाव बढ़ सकता है.