नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथा मानेकशॉ सेंटर में 1971 की लड़ाई में शामिल होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”बांग्लादेश की लड़ाई में भारतीय फौजियों ने दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की. हमारी सेना ने 90 हजार पाक सैनिकों को सुरक्षित जाने दिया. जो दुनिया की एक बड़ी घटना है”
बिना नाम लिए पाकिस्तान पर बरसे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”दुख की बात है कि दो विचारधाराओं के विपरीत भी दक्षिण एशिया में एक मानसिकता है. एक सोच जो आतंकवाद की प्रेरणा और पोषक है. ये एक ऐसी सोच है जिसका वैल्यू सिस्टम मानवता पर नहीं अपितु हिंसा और आतंकवाद पर विश्वास रखता है. इस सोच का मूल्य उद्देशय आतंकवादियों द्वारा आतंकवाद फैलाने का है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”एक ऐसी सोच जो अतिवाद और आतंकवाद है. एक ऐसी सोच जिसके नीति-निर्माताओं को मानववाद से बड़ा आतंकवाद लगता है. सृजन से बड़ा संहार लगता है. उन्हें विकास से बड़ा विकास लगता है, विश्वास से बड़ा विश्वासघात लगता है. ये सोच हमारे समाज की शांति तथा संतुलन के लिए और उसके मानसिक तथा आर्थिक विकास के लिए सबसे बड़ा चैलेंच है. ये विचारधारा पूरे क्षेत्र के साथ विश्व के शांति तथा विकास में अवरोधक है.”
भारत ने बिना स्नार्थ के सबका भला चाहा- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”मेरा ये स्पष्ट मत है कि मेरे देश के साथ ही भारत का हर पड़ोसी देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो. अकेले भारत का विकास अधूरा है. हमारी सोच रही है हमारे आस पड़ोस में भी सुख, शांति और समृद्धि रहे. स्वार्थी ना बनकर हमें पूरे क्षेत्र का भला चाहा. हर देश के प्रति मित्रता का का हाथ बढ़ाया है. हर देश को अपनी संमृधि का साथी बनाने के लिए भारत ने हमेशा आमंत्रित किया है. हमारी सोच का परिणा आज भारत-बांग्लादेश के रिश्तों के ग्राफ के तौर पर देखा जा सकता है”
पीएम मोदी ने की शेख हसीना की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”भारत और बांग्लादेश की बात बांगबंधु के नाम के बिना अधूरी है. भारत और बांग्लादेश एक दूसरे की सोच के पूरक हैं. बांगबंधु बांग्लादेश की स्वतंत्रता के प्रमुख सूत्रधार थे. भारत और बांग्लादेश बंगबंधू के बताए रास्ते पर चल रह हैं. उन्होंने बांग्लादेश को विकास के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की. उनके परिवार के 16 लोगों का कत्ल किया गया. लेकिन उनकी बेटी शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं. ये सामान्य घटना नहीं है.” प्रधानमंत्री मोदी ने जिस वक्त ये बात कही उस समय शेख हसीना भावुक नजर आयीं.
मुक्तियोद्धाओं के परिवार के परिवार वालों के घोषणाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”मुक्तियोद्धा स्कॉलरशिप स्कीम के तहत मुक्तियोद्धाओं के परिवार से दस हजार से बच्चों को पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है. उनके परिवार कल्याण के लिए आज इस अवसर पर मैं तीन और घोषणाएं करता हूं. अगले पांच वर्षों में मुक्ति योद्धा स्कॉलरशिप स्कीम का फायदा और दस हजार बच्चों तक पहुंचाया जाएगा. मुक्तियोद्धाओं को पांच वर्ष के लिए मल्टीपल एंट्री वीज़ा फेसिलिटी दी जाएगी. इसके साथ ही भारत में मुफ्त इलाज के लिए प्रतिवर्ष 100 मुक्तियोद्धाओं को स्पेशल मेडिकल स्कीम के तहत सहायता दी जाएगी.”
भारतीय सैनिकों के योगदान को नहीं भुला सकते- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुक्तियोद्धाओं के साथ सआथ बांग्लादेश के लिए भारत के सैनिकों के बलिदान को कोई नहीं भुला सकता. ऐसा करने में बांग्लादेश की जनता के प्रति उनका प्रेम उनकी एक मात्र प्रेरणा थी. इसके साथ ही बांग्लादेश के सपनों के प्रति उनका सम्मान भी एक बड़ा कारण था. हमें एक चीज याद रखनी चाहिए कि युद्ध की बर्बरता में भी भारतीय सेना अपने कर्तव्य से कभी नहीं मुड़ी. युद्ध के नियमों का पालन करते हुए पूरे विश्व के सामने एक मिसाल कायम की.”
बांग्लादेश की दोस्ती पीएम मोदी ने बतायी ये वजह
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”भारत और बांग्लादेश इसलिए साथ हैं क्योंकि दोनों देशों के 140 करोड़ लोग एक साथ हैं. हम सुख दुख के साथी है. मैंने हमेशा कहा कि जो सपना में भारत के लिए देखता हूं वही शुभकमना में बांग्लादेश और भारत के हर पड़ोसी के लिए हैं. मैं बांग्लादेश के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं.” प्रधानमंत्री मोदी अपना भाषण ‘जय हिन्द- जय बांग्ला’ के साथ खत्म किया.