भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम कप्तान विराट कोहली विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में ‘यूथ आइकन’ भी हैं। इस बारे में कोहली का कहना है कि अन्य लोगों का प्रेरणास्रोत होना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि यह कई लोगों को काफी प्रभावित करता सकता है।
उन्होंने अपने फैन क्लब ‘फैन बॉक्स’ के जरिए प्रशंसकों को बताया है कि युवा लोगों के लिए प्रेरणास्रोत होना बेशक एक अच्छा अहसास है। जब लोग आगे आकर आपसे कहते हैं कि उन्हें आपसे प्रेरणा मिलती है, तो यह निजी तौर पर आपके लिए काफी मायने रखता है।
कोहली ने कहा है कि उन्हें सफलता के लिए जरूरी कामों के बारे में लोगों से बात करने इच्छा होती है। कोहली ने क्रिकेट जगत से बाहर भी लोगों के बीच खुद को काफी लोकप्रिय बनाया है। उन्होंने कहा है कि मेरे लिए पहली प्राथमिकता अनुशासन और कड़ी मेहनत है। मुझमें सीखने की भी काफी ललक है, जिसका मतलब है कि मैं अपने पिछले खेल प्रदर्शन को देखकर उनमें हुई गलतियों से सबक लेता हूं और मैं चाहता हूं कि मेरे प्रशंसक भी कुछ ऐसा ही करें।
कोहली का कहना है कि सफलता का कोई ‘शॉर्टकट’ नहीं है। उन्होंने कहा है कि आप अपने जीवन में जो भी पाना चाहते हैं, उसे कड़ी मेहनत के अलावा और किसी चीज से नहीं पाया जा सकता, फिर चाहे वो आपके कार्यस्थल में मिलने वाली सफलता हो या किसी टूर्नामेंट को जीतना। कोहली की उपलब्धियां और मैदान पर उनकी सक्रियता उनकी कही बातों की सत्यता को दर्शाती हैं। फील्डिंग में कोहली की चपलता और बल्लेबाजी में आक्रामकता को देखकर कोई भी कह सकता है कि वह एक अनुशासित और ध्येयनिष्ठ खिलाड़ी हैं।
कोहली में साथ भारतीय टीम में फिटनेस के स्तर पर चुस्त दुरुस्त खिलाड़ियों में रोहित शर्मा, एम एस धोनी, सुरेश रैना, अक्षर पटेल, युवराज सिंह, अजिंक्य रहाणे आदि खिलाडियों को रखा जा सकता है। ये फील्डिंग में बहुत कम गलती करते दिखाई देते हैं। इनके अलावा संजू सैमसन, ऋषभ पंत, केदार जाघव और धवल कुलकर्णी जैसे कुछ नए खिलाड़ी भी औसत रूप से फिट दिखाई देते हैं, और फिल्डिंग में जी जान लगा देते हैं।
इन्हें कहते हैं लोग आलसी
-शिखर धवन, ईशांत शर्मा, रविचंद्रन अश्विन आदि खिलाडियों को फील्डिंग की कसौटी पर लोग आलसी करार देते है।
-ईशांत और अश्विन कभी—कभी तो गेंदबाजी करते समय अपनी गेंद को फॉलो—थ्रू में पकड़ने में भी चूक जाते हैं।
-यही हाल नवोदित गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का है।
-इसके अलावा उमेश यादव, मोहम्मद शमी और कर्ण शर्मा आदि को भी इसी श्रेणी में रखा जा सकता है।
– आशीष नेहरा को भी खराब फील्डिंग के लिए याद किया जाता है।