मोदी ने कहा, “अगर हमारे क्षेत्र के सभी बच्चों को शिक्षा मिलती है तो यह सामाजिक न्याय की ओर बढ़ा कदम है. अगर सभी घरों में बिजली है तो यह सामाजिक न्याय के प्रति बढ़ा कदम है. सामाजिक न्याय की अवधारणा का यह नया स्वरूप यहां बैठे महान लोगों के दृष्टिकोण के मुताबिक है.” उन्होंने कहा, “रणनीतिक रूप से हमारे विकास मॉडल को ठीक करने की जरूरत है.” मोदी ने कहा कि चुने गए प्रतिनिधि काम करने के लिए किसी एक क्षेत्र का चयन कर सकते हैं और चीजें बदलने लगेंगी. मोदी ने कहा, “इसके लिए नए बजट की जरूरत नहीं है. मौजूदा संसाधन, श्रमशक्ति..अगर मिशन मोड पर काम करते हैं तो फिर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. एक साल समर्पण भाव के साथ काम करने से देश और राज्य की तस्वीर में बदलाव देखने को मिलेगा. ” उन्होंने कहा कि एचडीआई की रैंकिंग में भारत 130वें स्थान पर है, अगर इन 115 जिलों की स्थिति में सुधार होता है तो इससे स्वत: ही देश की रैंकिंग में सुधार होगा.

बेहतर शासन वाले राज्‍यों को योजनाओं का ज्‍यादा फायदा
मोदी ने कहा कि गृह मंत्रालय वामपंथी चरमवाद से प्रभावित 30-35 जिलों के विकास पर विशेष ध्यान दे रहा है. मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बेहतर शासन वाले राज्य इस योजना से ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं, क्योंकि वे बेहतर तरीके से गरीबों तक इसका फायदा पहुंचाने में सक्षम हैं. मोदी ने कहा, “संसाधन समस्या नहीं हैं, सुशासन एक समस्या है, समन्वयन एक समस्या है, केंद्रित गतिविधि एक समस्या है. अगर हम इन सब पर ध्यान दें तो एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं.”