भारतीय जनता पार्टी ने मोहनलालगंज सीट पर ऐतिहासिक सीट दर्ज की है। 2017 की मोदी लहर में भी इस सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अंबरीष सिंह पुष्कर ने बेहद कम मार्जिन से जीत दर्ज की थी। इस बार सपा ने अंबरीष की जगह मोहनलालगंज से विधायक रही सुशीला सरोज को मैदान में उतारा था। भाजपा के अमरेश कुमार ने उन्हें आठ हजार वोटों से हरा कर एतिहासिक जीत दर्ज की है। बीजेपी प्रत्याशी अमरेश कुमार से बात करते हुए अपनी जीत का दावा किया था।
देश के पहले विधानसभा चुनाव के साथ मोहनलालगंज सीट अस्तित्व में है। मोहनलालगंज सुरक्षित समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। 2017 में अंबरीष पुष्कर ने 530 वोटों से बसपा प्रत्याशी रामबहादुर को हराया था। अंबरीष को 71,574 मत जबकि राम बहादुर को 71044 मत मिले थे। भाजपा समर्थन से लड़े पूर्व मंत्री आरके चौधरी तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार सपा ने अंबरीष सिंह पुष्कर के बजाए अपनी पूर्व सांसद व मोहनलालगंज से विधायक रही सुशीला सरोज को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने अमरेश कुमार को टिकट दिया है तो कांग्रेस से ममता चौधरी और बीएसपी से देवेंद्र कुमार मैदान में है।
मोहनलालगंज विधानसभा सीट वर्ष 1951 में बनाई गई थी। 2017 में सरोजनीनगर विधानसभा में लगने वाले सिसेंडी समेत कई गांव मोहनलालगंज में जोड़ दिये गए। इस विधानसभा क्षेत्र में कुछ शहरी क्षेत्र भी आते हैं। वर्ष 1951 से लेकर 2017 तक इस विधानसभा से अलग-अलग पार्टियों से विधायक रहे। कई तो कई-कई बार विधायक रहे हैं। इस क्षेत्र से सबसे पहले कांग्रेस से महाबीर प्रसाद विधायक बने।
इसके बाद रामप्रसाद यादव प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, ख्यालीराम दो बार विधायक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से, राम शंकर रविवासी कांग्रेस, नरायन दास तीन बार कांग्रेस से, संतबक्स रावत जनता पार्टी और सपा से पांच बार विधायक, चौधरी ताराचंद सोनकर कांग्रेस से विधायक रहे। आरके चौधरी तीन बार विधायक रहे। वह एक बार बसपा, एक बार निर्दलीय और एक बार राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी के बैनर तले चुनाव जीते। चंदा रावत समाजवादी पार्टी से विधायक रहीं और अब वर्तमान में सपा से अंबरीष सिंह पुष्कर विधायक हैं।