संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को एक बार फिर से आड़े हाथों लेते हुए उसे जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने मशहूर कवि रूमी को याद करते हुए कहा कि जो बोओगे वहीं काटोगे, इसलिए अगर मेरे दोस्त तुममे थोड़ी भी समझ है तो शांति बोओ।
अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान यदि शांति स्थापना के लिए इतना ही संजिदा है तो उसे इसके लिए आगे आकर काम करना चाहिए, न कि आतंकियों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए शांति के अलावा कुछ और नहीं सोचना चाहिए।
आतंकियों को पाकिस्तान की ओर से मिल रहे लगातार समर्थन पर उन्होंने कहा कि तालिबान, अल कायदा, लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद जोकि दुनिया के कई मुल्कों में आतंक का परिचायक हैं, को खत्म करने के लिए पाकिस्तान को आगे आना चाहिए। अकबरुद्दीन का कहना था कि अफगानिस्तान में भी यह लोग खुलेआम आतंक के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।
पाकिस्तान की करनी और कथनी में अंतर स्पष्ट करते हुए भारतीय राजदूत ने कहा कि यदि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए कुछ करना ही चाहता है तो उसको आतंकियों को सुरक्षित रास्ता देने से बचना होगा और उनके खात्मे के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।