सोमवार करीब दो बजे राम रहीम की मां नसीब कौर, बेटा जसमीत, बेटी चरणप्रीत कौर और दामाद शान-ए-मीत सुनारिया जेल पहुंचे। उनके अलावा एक ड्राइवर था। मुलाकात के बाद सवा तीन बजे सभी सदस्य वापिस चले गए। वहीं मुलाकात के दौरान राम रहीम की मां ने उससे डेरे के उत्तराधिकारी को लेकर बातचीत की और जसमीत को डेरामुखी बनाने के लिए कहा।
राम रहीम की मां उसकी जगह पोते जसमीत को गद्दीनशीन बनाना चाहती है, जिसके लिए वह दो बार लगातार बेटे से मिलने के लिए आयी। राम रहीम की मा का कहना है कि डेरे में पूजा पाठ की गतिविधियां पूरी तरह से बंद है। डेरे का आम काम भी प्रभावित हो रहा है। अगर जसमीत गद्दीनशीन हो जाएगा तो जो कुछ लोग बचे हैं वह डेरे से जुड़े रहेंगे।
पर यह बात राम रहीम को नागवार गुजरी। जेल में रहते हुए भी राम रहीम का हनीप्रीत के प्रति लगाव कम नहीं हुआ। वह हनीप्रीत को अपनी गद्दी पर बैठाना चाहता है, जिसके चलते उसने बेटे को गद्दी देने से मना कर दिया। यही वजह है कि अब परिवार वाले राम रहीम पर भावनात्मक दबाव बनाने के लिए लगातार उससे मिल रहे हैं, जबकि राम रहीम का हनीप्रीत प्रेम उन पर भारी पड़ रहा है।
बता दें कि नसीब कौर बेटे से कई बार मिल चुकी हैं। वे सबसे पहले 15 सितंबर को बेटे से मिलने आई, फिर 16 अक्तूबर को बेटा जसमीत, पत्नी हरजीत, बेटी चरनजीत, दामाद रूहमीत आये थे। बात न बनने पर अगली मुलाकात पर 29 अक्तूबर को विपासना भी उनके साथ आयी। 20 नवबंर को परिवार वालों ने फिर मुलाकात की। परिवार के सदस्यों के अलावा एडवोकेट भी समय-समय पर मुलाकात करने आ रहे हैं।
वहीं जेल प्रशासन से जुड़े लोगों की मानें तो सोमवार को 20 मिनट तक हुई मुलाकात में राम रहीम और परिजन काफी भावुक थे। हनीप्रीत को जमानत न मिलना और डेरे की गतिविधि प्रभावित होने के कारण जल्द ही राम रहीम कोई फैसला ले सकता है।