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इस रैली की कामयाबी को लेकर ट्विटर पर जिग्नेश समर्थकों और विरोधियों की बीच बहस तब शुरू हो गई जब इस रैली से जुड़ी कई फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली नजर आई.गुजरात के नवनिर्वाचित विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के नेतृत्व में मंगलवार (09 जनवरी) को संसद मार्ग पर ‘युवा हुंकार’ रैली का आयोजन किया गया. इस रैली की कामयाबी को लेकर ट्विटर पर जिग्नेश समर्थकों और विरोधियों की बीच बहस तब शुरू हो गई जब इस रैली से जुड़ी कई फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली नजर आई. मीडिया की खबरों में दावा किया गया कि इस रैली में मामूली भीड़ ही जुट सकी.

:- रैली में जुटी मामूली भीड़- 
बता दें इस रैली के होने पर मंगलवार सुबह तक सस्पेंस बना रहा. पीटीआई के मुताबिक अधिकारी आखिरी समय तक यही कहते रहे कि मेवाणी और उनके समर्थकों को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं है. ऐसा लगता है कि रैली आयोजनकर्ताओं और दिल्ली पुलिस के बीच बाद में समझौता हो गया. दोपहर करीब एक बजे शुरू होने वाली रैली में मामूली भीड़ जुटी. संसद मार्ग पुलिस थाने से कुछ ही मीटर की दूरी पर बने मंच पर जेएनयू के पूर्व एवं वर्तमान छात्र नेता मौजूद थे.

इनमें कन्हैया कुमार, शेहला राशिद और उमर खालिद शामिल था. इसके साथ ही इस मौके पर असम किसान नेता अखिल गोगोई, उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अलावा जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र भी मौजूद थे. रैली का उद्देश्य दलित संगठन भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की रिहायी की मांग उठाना और शैक्षिक अधिकार, रोजगार, आजीविका और लैंगिक न्याय जैसे मुद्दों पर जोर देना है.

:- ट्विटर पर लोगों ने बताया हुंकार रैली को फ्लॉप शो-
ट्विटर यूजर अभिषेक ने लिखा युवा हुंकार रैली में जितने लोग शामिल हुए उससे ज्यादा लोग रिलांयस स्टोर के बाहर जियो सिम के लिए लाइन में लगते हैं. बीजेपी नेता प्रीति गांधी ने युवा हुंकार रैली की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि युवा हुंकार रैली में स्टेज पर ज्यादा लौग मौजूद थे वहीं AIPWA की सचिव और सीपीआई (एमएल) की नेता कविता कृष्णन ने ट्वीट किया. निराश न्यूज चैनल यह दावा कर रहे हैं कि युवा हुंकार रैली फ्लॉप शो साबित हुई है. वे अपने गलत जानकारी देने वाले अभियान में नाकाम साबित हुए हैं. पार्लियामेंट स्ट्रीट की यह तस्वीर सच बयां करती है….आयोजकों ने रैली के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय संविधान और मनुस्मृति की एक प्रति सौंपने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल लोककल्याण मार्ग स्थित उनके आवास तक मार्च करेगा और उनसे दोनों में से एक का चयन करने के लिए कहेगा.

– जिग्नेश मेवाणी की युवा हुंकार रैली-
दिल्‍ली पुलिस द्वारा गुजरात के वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवाणी को संसद मार्ग पर युवा हुंकार रैली करने की इजाजत न दिए जाने के बावजूद वह अपने समर्थकों के साथ जंतर-मंतर के पास रैली की. उन्‍होंने कहा है कि ‘मैं विधायक हूं, अपनी बात जरूर कहूंगा’. इस दौरान जिग्‍नेश के साथ भारी संख्‍या में उनके समर्थक यहां मौजूद हैं. ऐहतियातन संसद मार्ग पर भारी संख्‍या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. सूत्रों का कहना है कि अगर जिग्‍नेश मार्च करते हैं तो उन्‍हें हिरासत में लिया जाएगा.

इससेे पहले जिग्‍नेश के सहयोगी अखिल गोगोई ने कहा कि ‘हम रैली करेंगे’. दिल्‍ली पुलिस ने एनजीटी का हवाला देते हुए उन्‍हें इजाजत नहीं दी. रैली को दिल्‍ली पुलिस से इजाजत न मिलने पर जिग्‍नेश मेवाणी ने न्‍यूज एजेंसी ANI से कहा कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण. हम सिर्फ लोकतांत्रिक और शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करने जा रहे थे, लेकिन सरकार हमें निशाना बना रही है. एक निर्वाचित प्रतिनिधि को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है’.

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