हम सभी का बचपन बहुत हसीन दौर से गुज़रा है. बचपन के दिनों में हम रविवार का इंतज़ार किया करते थे. हम घर पर आराम करने के लिए नहीं बल्कि किसी और वजह से करते थे. इस दिन का लोग इसलिए बेसब्री से इंतज़ार करते थे ताकि वह एक साथ बैठकर रामायण देख सकें. रामायण के दौरान घर की बिजली चली जाने पर हम उन घरों की तरफ भागते थे जहां बिजली आ रही हो. 90 के दशक में साल 1987 में रामायण की शुरुवात हुई थी.
रामायण ने हिंदुस्तानियों के दिल में एक अलग ही पहचान बना ली थी. ऐसा कहा जाता है कि रामायण शुरू होने पर सड़कें सुनसान हो जाया करती थीं जैसे आज भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच के दौरान हो जाती हैं. रामायण के सभी किरदार हम सभी को मुंहज़बानी याद हैं. रामानंद सागर की रामायण की खास बात यह थी कि रामायण के सभी किरदारों ने भारतीयों के दिलों में जगह बना ली थी. उनमें से एक अहम किरदार था भगवान राम का.
राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को हुआ था. उन्होंने भगवान राम के किरदार को इतनी बखूबी निभाया था कि लोग उन्हें असल में भगवान राम समझने लगे थे. उनसे मिलने पर लोग उनके पैर छूने और आशीर्वाद लेने लग जाते थे. वह इस किरदार में इस कदर ढल गए थे मानो यह रोल उन्हीं के लिए बना हो. उन्होंने अपनी एक्टिंग से भगवान राम के किरदार को जीवंत कर दिया था. कई लोगों के दिमाग में अभी भी अरुण गोविल की छवि राम के रूप में बनी हुई है.
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