पहले इंकार, फिर जारी किया बयान

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने हालांकि सोमवार को बताया था कि अंतरसरकारी समझौते के तहत सौदे की जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह ‘गोपनीय सूचना’ है. सरकार ने बुधवार को बयान में कहा, “फ्रांस से फ्लाई-अवे स्थिति में 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए वर्ष 2016 के अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं.”

बयान के अनुसार, “राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार के अंतर्गत यह सौदा क्षमता, मूल्य, सामग्री, वितरण, रखरखाव, प्रशिक्षण की बेहतर शर्तों पर किया गया है, जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार 10 वर्षो में इस सौदे को अमलीजामा नहीं पहना सकी थी. मौजूदा सरकार ने इस सौदे को केवल एक वर्ष में पूरा किया, जोकि पूरे नियम व प्रक्रिया के साथ किया गया है।”