राजस्थान में सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं के रद होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। शिक्षक भर्ती परीक्षा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, पुलिस कांस्टेबल के बाद अब क्लर्क भर्ती परीक्षा रद हो हो गई है। क्लर्क के 1760 पदों के लिए 13 मार्च को भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा में हुई धांधली के बाद उच्च न्यायालय ने भर्ती प्रक्रिया को रद कर दिया है। परीक्षा का 18 मई को परिणाम जारी किया गया था। परिणाम में सामान्य वर्ग से अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग के कटआफ को लेकर विवाद काफी बढ़ गया। परीक्षा के दौरान युवक धांधली करते पकड़ में आया था। इसके बाद जांच की गई। अब उच्च न्यायालय ने परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को ही रद कर दिया। ऐसे में अब नए सिरे से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। जिसमें 13 मार्च को हुई भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों को उम्र में भी छूट देने के साथ शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि परीक्षा में सामान्य श्रेणी की मेरिट 194 नंबर रखी गई। वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग की कट आफ जनरल से 30 नंबर ज्यादा 224 पर पहुंच गई। जबकि आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों की कट आफ भी सामान्य से 26 नंबर ज्यादा 230 पर पहुंच गई। इसके साथ ही अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों की कट आफ भी सामान्य से छह नंबर ज्यादा 200 रही थी। इस कारण सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी टाइपिंग टेस्ट में भी शामिल नहीं हो पाए थे। पूर्व में शिक्षक भर्ती परीक्षा के कुल 15,500 पदों की परीक्षा रद हुई है। पुलिस कांस्टेबल के 4,588 पदों, राज्य प्रशासनिक सेवा के 988 पदों और सहायक अभियंता के 1100 पदों की भर्ती परीक्षा भी रद हुई।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने कुलदीप माथुर और शुभा मेहता को राजस्थान उच्च न्यायालय के दो नए न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया है। शुभा मेहता के पति महेंद्र गोयल पहले से ही राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं। केंद्र सरकार द्वारा दोनों जजों के नाम को मंजूरी दिए जाने के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से नियुक्ति अधिसूचना जारी कर दी गई है। इन नियुक्तियों के साथ राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या अब 25 से बढ़कर 27 हो जाएगी। हालांकि नई नियुक्तियों के बावजूद 23 पद अभी भी खाली हैं।