लखनऊ| उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बहू दीपा कोविंद को कानपुर की झिंझक नगरपालिका के चेयरमैन पद के लिए बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. दीपा कोविंद ने वहां के बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया है. बता दें कि दीपा ने बीजेपी से टिकट मांगा था मगर पार्टी ने किसी और को उम्मीदवारी दी जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. हालांकि बीजेपी उन्हें मनाने की कोशिश में लगी है कि वो चुनावी मैदान में न उतरें.
बता दें कि दीपा, रामनाथ कोविंद के भतीजे पंकज कोविंद की पत्नी हैं. वह काफी समय से इस चुनाव के लिए तय्यारी कर रही थी. दीपा के पति पंकज के अनुसार स्थानीय लोग चाहते थे कि झिंझक नगर पालिका के चेयरमैन पद के लिए उनकी पत्नी ही मैदान में उतरे. दीपा ने बीजेपी से टिकट मांगा भी मगर पार्टी ने उन्हें माना कर दिया. बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद ही दीपा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा.
वहीं, बीजेपी नेता पंकज सिंह ने निकाय चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध को लेकर कहा है कि पार्टी ने जीतने की क्षमता के आधार पर ही टिकट बांटे हैं और उन्हें उम्मीद है कि निकाय चुनाव में पार्टी को शानदार सफलता मिलेगी. पंकज सिंह ने आईएएनएस को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, “निकाय चुनाव को लेकर पार्टी ने काफी सोच समझकर टिकट दिया है. जीतने की क्षमता के आधार को ध्यान में रखकर जिताऊ प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया गया है. पार्टी को इसका फल भी मिलेगा.”
बता दें कि सूबे के 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 439 नगर पंचायतों में चुनाव तीन चरणों में संपन्न होंगे. वोटों की गिनती 1 दिसंबर को होगी. 22 नवंबर, 26 नवंबर और 29 नवंबर को निकाय चुनाव होगा। इस चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के पदाधिकारी चुने जाएंगे.
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