कीव: रूस के हमले से यूक्रेन में अफगानिस्तान जैसे हालात हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां भाग रहे हैं. एक लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं. वहीं, राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मुल्क छोड़कर भागने की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया है कि वो यूक्रेन में हैं और अंतिम सांस तक डटे रहेंगे. इस बीच, युद्ध से जुड़ी कुछ भावुक घटनाएं भी सामने आ रही हैं. क्रीमिया में एक यूक्रेनी सैनिक ने रूसी फौज को रोकने के लिए खुद को एक पुल के साथ उड़ा लिया.
पुल की रखवाली की थी जिम्मेदारी
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सैनिक की इस बहादुरी के चलते रूसी सेना के काफिले को दूसरे छोर पर जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुल के साथ खुद को उड़ाने वाले यूक्रेनी सैनिक की पहचान विटाली शकुन के नाम से हुई है. विटाली शकुन की तैनाती क्रीमिया बॉर्डर पर खेरसॉन क्षेत्र में हेनिचेस्क पुल रखवाली के लिए की गई थी.
जानते थे बचना मुश्किल है
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ऑफ ऑर्म्ड फोर्सेज ने अपने फेसबुक पेज पर बताया है कि रूसी सेना के काफिले को रोकने का एकमात्र तरीका पुल को उड़ाना था और इसलिए बटालियन ने यह फैसला लिया. इसके बाद पुल के चारों ओर विस्फोटकों को लगा दिया गया, लेकिन वहां से बाहर निकलने का समय इतना कम था कि धमाका करने वाले सैनिक की मौत तय थी. सबकुछ जानते हुए भी विटाली यह किया और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.
मरणोपरांत किया जाएगा सम्मानित
पोस्ट में बताया गया कि सैनिक विटाली शकुन ने मैसेज भेजा कि वह पुल को उड़ाने जा रहे हैं. थोड़ी देर बाद ही एक भारी विस्फोट की आवाज सुनाई दी. उनके इस प्रयास ने रूसी सैनिकों के काफिले को वहीं रोक दिया. पुल के दूसरी तरफ जाने के लिए रूसी सैनिकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. जनरल स्टाफ ऑफ ऑर्म्ड फोर्सेज ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हमारे देश के लिए मुश्किल घड़ी में सभी यूक्रेनी एक साथ खड़े हैं. यूक्रेनी लोग लोग सभी दिशाओं में रूसी कब्जेदारों को खदेड़ रहे हैं. विटाली शकुन को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत वीरता के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.