वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देंगे और विदेश मंत्रालय को निर्देश देंगे कि अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाए. ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह बात कही. इससे पहले खबर थी कि बढ़ते विरोध को देखते हुए ट्रंप यरुशलम पर फैसले को टाल सकते हैं.
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक ट्रंप बुधवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 1 बजे यरुशलम को लेकर अपनी नीति का ऐलान करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देना एक ऐतिहासिक और वास्तविक है बजाय राजनीतिक बयानबाजी के.
इजरायल की ज्यादातर सरकारी एजेंसियां और पार्लियामेंट तेलअवीव के बजाय येरूशलम में ही हैं, जबकि अमेरिका और अन्य देशों के दूतावास तेल अवीव में हैं. शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि एंबेसी को तेल अवीव से येरूशलम ले जाना एक लंबी प्रक्रिया है और ट्रंप ने पूरा किए जाने पर जोर दिया था, हालांकि ये तुरंत नहीं होने जा रहा है.
यरुशलम प्राचीन काल से ही यहूदी लोगों की राजधानी रही है और आधुनिक सच्चाई यही है कि इजरायल की सरकार का मुख्यालय, कई प्रमुख मंत्रालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट यरुशलम में ही है. ट्रंप विदेश मंत्रालय को यह भी निर्देश देंगे कि अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाए. नए दूतावास के लिए उचित जमीन खोजने और निर्माण में कम से कम 2-3 साल लगेंगे. एक और वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप अपने एक बड़े चुनावी वादे को पूरा करेंगे और इस वादे को राष्ट्रपति पद के कई पिछले उम्मीदवारों ने भी किया था.
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