सीरिया में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, काफी शांति प्रयासों के बाद भी सीरिया में हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हालात अब ये हो गए हैं कि सीरिया के शहर दमिश्क़ में घरों से ज्यादा मलबे का ढ़ेर दिखाई देता है और मलबों को हटाने पर उनके भीतर से निर्दोष सीरियाई नागरिकों की लाशें निकलती हैं. इस तबाही में विद्रोहियों के साथ सीरियाई सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है, जो विद्रोहियों पर हमला करने की कोशिश में अपने ही लोगों को निशाना बना बैठती है.
हाल ही में ब्रिटेन के युद्ध निगरानी समूह ने जानकारी दी है कि, शनिवार को दमिश्क के बाहरी इलाके स्थित विद्रोही बहुल पूर्वी गोता में सीरियाई सैन्य विमानों द्वारा की गई बमबारी में, कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. स्थानीय समाचार पत्र के मुताबिक सीरियाई मानवाधिकार निगरानी संस्था (एसओएचआर) ने कहा है कि शासन ने जमाल्का क्षेत्र से अपने घरों को छोड़कर पूर्वी गोता के हज्जा की ओर जा रहे नागरिकों को अपना निशाना बनाया. पूर्वी गोता इस्लामी विद्रोही समूह अल-रहमान कोर द्वारा नियंत्रित है और सरकारी बलों से लड़ रहा है.
एक रिकॉर्ड के मुताबिक सीरिया के पूर्वी गोता इलाके में पूर्वी गौता में 18 फरवरी को हुए हमलों के बाद से अब तक करीब 1,394 लोगों की जानें जा चुकी है, जिसमे 271 नाबालिग और 173 महिलाऐं भी शामिल थीं. गौरतलब है कि, सीरिया का मित्र रूस भी सीरिया में चल रहे हमलों को रोकने के लिए शांति की अपील कर चूका है. एक बार संयुक्त राष्ट्र ने भी सीरिया में शांति स्थापित करने के लिए संघर्षविराम का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन उसके बाद भी सीरिया में हिंसा का उन्माद चरम को छू रहा है.
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