लड़की की मां इवोन पीटर्स ने बताया कि गणित में पास अंक लाने में असमर्थता से उदास जोसमॉन आठ मार्च को घर से निकल गई थी. वह चेन्नई जाने के लिए निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से तमिलनाडु एक्सप्रेस में बैठी, जहां उसकी योजना बाइबिल की कक्षा में दाखिला लेने की थी. शुक्रवार को उसे भोपाल रेलवे स्टेशन से बचाया गया. आज वह14 वर्षीय लड़की रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलने गई, जिन्होंने उसे प्रधानमंत्री द्वारा लिखी गई पुस्तक‘ एग्जाम वारियर्स’ दिया.

दाई का काम करने वाली पीटर्स (45) ने बताया कि उसकी बेटी गणित में अच्छी नहीं है और वह अपनी पिछली परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. उनका कहना है कि उसका स्कूल भी इस मामले में उसकी ज्‍यादा मदद नहीं कर पाया. पीटर्स ने कहा,‘‘ स्कूल को कोई परवाह ही नहीं होती. शिक्षकों ने हमसे बात तक करने से मना कर दिया. काश मैं इस बारे में मंत्री को बता पाती. यह बहुत बड़ी समस्या है, जो छात्रों को प्रभावित करती है.’’ उन्होंने कहा कि उनकी बेटी 36 घंटे बाद घर लौटी.

रेल मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ नई दिल्ली के एनायस जोसमॉन से मिला, जो परीक्षा के दबाव की वजह से अपने घर से भाग गई थी और उसे ठीक समय पर रेलवे ने बचा लिया और उसे उसके परिवार से मिलाया. उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी पुस्तक एग्जाम वारियर्स भी दिया और उससे कहा कि एग्जाम वारियर बनो, वरीयर( चिंता करने वाला) नहीं.’’ रेलवे मंत्रालय ने लापता बच्चों को बचाने की मुहिम‘‘ ऑपरेशन मुस्कान’’ के दायरे में अपने सभी प्रमुख स्टेशनों को रखा है.