डोपिंग का आरोप झेल रहीं भारतीय भारोत्तोलक संजीता चानू ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है। संजीता ने कहा कि वह डोप टेस्ट में कथित तौर पर नाकाम रहने के लिए उन पर लगाए गए अस्थायी निलंबन को चुनौती देंगी।
गौरतलब है कि गोल्ड कोस्ट राष्ट्रकुल खेलों में महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली संजीता को अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने निलंबित कर दिया था। उनके नमूने में ‘एनाबॉलिक स्टेराइड टेस्टोस्टेरॉन” का टेस्ट पॉजीटिव पाया गया था। उनका नमूना पिछले साल नवंबर में एनाहीम (अमेरिका) में विश्व चैंपियनशिप से पहले लिया गया था।
आईडब्ल्यूएलएफ संजीता के साथ : संजीता को हालांकि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के अध्यक्ष सहदेव यादव का समर्थन हासिल है जिन्होंने कहा- मुझे पूरा विश्वास है कि यह मणिपुरी निर्दोष है। उन्होंने कहा-यह हमारी समझ से परे है कि डोप परिणाम में इतनी देर क्यों की गई। नमूना लिए जाने के बाद उन्होंने नवंबर में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और इसके बाद संजीता ने अप्रैल में गोल्डकोस्ट राष्ट्रकुल खेलों में स्वर्ण पदक जीता। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे कि ऐसा क्यों हो रहा हैं। किसी भी मामले में हम ‘बी” नमूने की जांच के लिए लिखते हैं। परिणाम मिलने के बाद हम (आईडब्यूएफ में) मामला रखने के लिए शीर्ष वकील की सेवाएं लेंगे। मुझे पक्का विश्वास है कि संजीता ने कोई प्रतिबंधित दवाई नहीं ली। मुझे पूरा विश्वास है कि हम उसे निर्दोष साबित करने में सफल रहेंगे।
…तो लग सकता है प्रतिबंध : सहदेव ने कहा- संजीता ने राष्ट्रकुल खेलों में जो स्वर्ण पदक जीता है, उसके छीने जाने का खतरा नहीं है। अगर संजीता का ‘बी” नमूना भी पॉजीटिव पाया जाता है तो उन पर चार साल का प्रतिबंध लग सकता है।