श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बुरहान के बड़े भाई खालिद की डेढ़ साल पहले त्राल के जंगल में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान क्राॅॅस फायरिंग में हुई मौत पर चार लाख की अनुग्रह राशि जारी की गयी है। लेकिन उसके पिता ने पैसा लेने से इंकार करते हुए, दिवंगत के छोटे भाई के लिए सरकारी रोजगार की इच्छा का संकेत दिया है।
आतंकी हमलों के शिकार को मुआवजा
बता दें हिज्ब का पोस्टर ब्वाय बुरहान मुजफ्फर वानी इसी साल आठ जुलाई को अपने दो साथियों संग मारा गया। उसकी मौत के बाद से घाटी में लगातार बंद का सिलसिला जारी है। जिला उपायुक्त पुलवामा के कार्यालय ने बीते दो सालों के दौरान आतंकी हमलों में मारे गए, जख्मी, क्षतिग्रस्त संपत्ति के ब्यौरे के साथ उन लोगों की सूची जारी की है, जिनके मौत अथवा नुकसान के आधार पर संबधित लोगों को मुआवजा जारी किया जा रहा है।
लिस्ट में खालिद मुजफ्फर वानी
इस सूची में खालिद मुजफ्फर वानी का नाम क्रमांक 9 पर है। आतंकी हमलों के दौरान या मुठभेड़ में मारे गए लोगों के उन परिजनों को मुआवजा दिया जाता है, जो आतंकी न हों। खालिद मुजफफर वानी गत 13 अप्रैल 2015 को उस समय त्राल के जंगल में मारा गया था, जब वह वहां अपने चार साथियों के साथ तथाकथित तौर पर पिकनिक मनाने गया था। उस समय वहां बुरहान भी आया था और इसी दौरान हुई मुठभेड़ में खालिद की क्रास फायरिंग में मौत हुई थी।
पुलिस पर आरोप
खालिद के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया था जिसमें उसे हिरासत में मारने की बात कही गयी थी। खालिद के पिता का कहना है, ‘मैं पहले ही दिन से कहता रहा हूं कि मेरा बेटा खालिद आतंकी नहीं था। वह तो पढ़ने वाला बच्चा था। उसके खिलाफ कोई केस भी नहीं था।‘ उन्होंने आगे कहा कि कि उसे हिरासत में यातनाएं दी गई और उसके बाद उसे मारा गया था। उसके शव मिलने के बाद हमने देखा कि उसके दांत टूटे हुए थे लेकिन शरीर पर गोली का निशान नहीं था।
मुआवजे में मिले सरकारी नौकरी
खालिद के मारे जाने के 20 माह बाद सरकार ने उसकी मौत का मुआवजा घोषित किया है। अलबत्ता, दिवंगत के पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि सरकार ने किसी मुआवजे का एलान किया है। हमें पैसा नहीं चाहिए। हां, अगर मेरे छोटे बेटे के लिए रोजगार की पेशकश होगी तो उस पर विचार किया जा सकता है।