छात्रा बनकर थाने पहुंचीं सीओ ने दी तहरीर, मुंशी ने दर्ज नहीं की रिपोर्ट
इस मामले की अधिकारियों की टीम ने जांच पूरी कर ली है। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। गांव तिगाई के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अधिकांश गरीब एवं मजदूर परिवारों की बेटियां ही शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। बुधवार को अभिभावकों ने वार्डन द्वारा छात्राओं के कपड़े उतरवाने का विरोध करते हुए हंगामा किया था। शिकायत मिलने पर बीएसए और सीओ भी जांच-पड़ताल करने विद्यालय पहुंचे थे। बीएसए ने मामले की जांच पड़ताल के लिए बुधवार को ही जांच टीम गठित कर दी थी।
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बृहस्पतिवार को प्रकरण का जिस किसी अभिभावक को पता लगता गया वह विद्यालय पहुंचने लगे। छात्राओं की बातें सुनकर आक्रोशित अभिभावकों ने वार्डन को खरी-खोटी सुनाई। अभिभावकों का यहां तक कहना था कि इस हरकत से वार्डन ने शिक्षा जगत को ही शर्मसार कर दिया है। विद्यालय से 35 छात्राओं को उनके अभिभावक अपने घर ले जा चुके हैं।
पत्रकारों के सामने छात्राओं ने वार्डन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्राओं का कहना था कि उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। बड़ी मैडम उनको मारती-पीटती भी हैं। छात्राओं का यह भी कहना था कि मैडम को जेल की सजा मिलनी चाहिए।
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बीएसए चंद्रकेश यादव ने कहा, पूरे प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। डीएम को शुक्रवार को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर वार्डन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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वार्डन डॉ सुरेख तोमर ने कहा, मेरे खिलाफ स्टाफ साजिश रच रहा है। स्टाफ ने ही मिलकर अभिभावकों और छात्राओं को भड़काया है। उन्होंने छात्राओं के कपड़े नहीं उतारे। उन पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।