आजमगढ़। मुंबई जेल में निरुद्ध अंडरवल्र्ड डान अबू सलेम ने अपने व अपने भाइयों के नाम से सरायमीर कस्बा में स्थित भूमि को कुछ लोगों द्वारा फर्जी तरीके से अपने नाम करा कर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया है। मुंबई जेल से आजमगढ़ एसपी के नाम लिखा हुआ अबू सलेम का प्रार्थना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों में सोमवार की शाम खलबली मच गई। एसओ सरायमीर ने मौके पर पहुंच कर विवादित भूमि पर चल रहे निर्माण कार्य को रोक दिया।
सरायमीर कस्बा के पठान टोला मोहल्ला का मूल निवासी अबू सलेम मुंबई बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी है। मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके में उसका नाम आने के बाद वह भाग कर पुर्तगाल चला गया था। वर्ष 2002 में उसकी पुर्तगाल में गिरफ्तारी होने के बाद उसे प्रत्यर्पण पर भारत लाया गया था। तभी से वह अलग-अलग जेल में निरुद्ध चल रहा है। वर्तमान में वह नवी मुंबई के तलोजा सेंट्रल जेल खारघर में निरुद्ध है। इस जेल के सीनियर जेलर की तरफ से छह मार्च को आजमगढ़ के एसपी के नाम लिखा हुआ उसका प्रार्थना पत्र पुलिस को प्राप्त हुआ। अबू सलेम ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि उसके पुश्तैनी गांव में 160 हेक्टेयर भूमि है, जो उसके व उसके भाइयों के नाम से है।
उक्त भूमि के नकल खतौनी की प्रति 30 मार्च, 2013 को उसके परिवार वालों ने लिया तो उस दौरान खतौनी में उसका व उसके भाइयों का नाम दर्ज था। उसका आरोप है कि उसी भूमि का जब छह नवंबर 2017 को परिवार के लोगों ने खतौनी का नकल लिया तो पता चला कि उसके पुश्तैनी आराजी पर मोहम्मद नफीस, मोहम्मद शौकत, सरवरी, मोहिउद्दीन, एखलाख, एखलाख खां व नदीप अख्तर का नाम दर्ज हो गया है। उसका कहना है कि पुर्तगाल से प्रत्यर्पण पर जब वह अपने देश में आया तो तभी से लगातार जेल में निरुद्ध है।
तब से वह और उसके परिवार के किसी सदस्य ने कोई बैनामा उक्त आराजी का नहीं किया। सरायमीर थानाध्यक्ष रामनरेश यादव ने बताया कि अबू सलेम के घरवालों की शिकायत व उसके प्रार्थना पत्र पर उन्होंने सरायमीर कस्बा में स्थित उक्त विवादित भूमि पर चल रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया। दोनों पक्षों के लोगों से अपने अपने कागजात लेकर आने को कहा गया है।
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