राजकोट। कुदरत जिसके साथ होती, उसे मुसीबत से भी निकाल ही लेती है। एेसा ही हुआ गुजरात में अमरेली में। यहां जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दरअसल महिला को लेकर जा रही एंबुलेंस को शेरों के एक झुंड ने घेर लिया। प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया। बुधवार रात महिला को लेकर एंबुलेंस अस्पताल के लिए निकली लेकिन गांव से 3 करीब किलोमीटर की दूरी पर ही उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया। इस झुंड के करीब 12 शेर सड़क पर ही थे। उन्होंने एंबुलेंस को घेर लिया। एंबुलेंस सेवा के अमरेली जिले के प्रमुख चेतन गिढय़ा ने बताया कि उन्होंने गाड़ी को रोक शेरों के हटने का इंतजार किया। लेकिन शेर जाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया। स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे सुझावों के मुताबिक 25 मिनट में डिलीवरी कराने में सफलता हासिल की। जब शेर हटे तो महिला और नवजात को जाफराबाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

महिला ने 12 शेरों के झुंड के बीच दिया बच्चे को जन्म, जानें पूरा मामला

राजकोट।

कुदरत जिसके साथ होती, उसे मुसीबत से भी निकाल ही लेती है। एेसा ही हुआ गुजरात में अमरेली में। यहां जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दरअसल महिला को लेकर जा रही एंबुलेंस को शेरों के एक झुंड ने घेर लिया। राजकोट। कुदरत जिसके साथ होती, उसे मुसीबत से भी निकाल ही लेती है। एेसा ही हुआ गुजरात में अमरेली में। यहां जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दरअसल महिला को लेकर जा रही एंबुलेंस को शेरों के एक झुंड ने घेर लिया।    प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया। बुधवार रात महिला को लेकर एंबुलेंस अस्पताल के लिए निकली लेकिन गांव से 3 करीब किलोमीटर की दूरी पर ही उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया। इस झुंड के करीब 12 शेर सड़क पर ही थे। उन्होंने एंबुलेंस को घेर लिया।  एंबुलेंस सेवा के अमरेली जिले के प्रमुख चेतन गिढय़ा ने बताया कि उन्होंने गाड़ी को रोक शेरों के हटने का इंतजार किया। लेकिन शेर जाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया।    स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे सुझावों के मुताबिक 25 मिनट में डिलीवरी कराने में सफलता हासिल की। जब शेर हटे तो महिला और नवजात को जाफराबाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया। बुधवार रात महिला को लेकर एंबुलेंस अस्पताल के लिए निकली लेकिन गांव से 3 करीब किलोमीटर की दूरी पर ही उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया। इस झुंड के करीब 12 शेर सड़क पर ही थे। उन्होंने एंबुलेंस को घेर लिया।

ड़ी खबर: पाकिस्तान के होंगे 3 टुकड़े तैयारियां हो चुकी हैं पूरी…दुनिया के सभी देश भारत के साथ

एंबुलेंस सेवा के अमरेली जिले के प्रमुख चेतन गिढय़ा ने बताया कि उन्होंने गाड़ी को रोक शेरों के हटने का इंतजार किया। लेकिन शेर जाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया। 

स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे सुझावों के मुताबिक 25 मिनट में डिलीवरी कराने में सफलता हासिल की। जब शेर हटे तो महिला और नवजात को जाफराबाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com