वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर घाटियों के बनने की गुत्थी सुलझा ली है। उनका दावा है कि लाल ग्रह पर बारिश का पानी बहने से इन घाटियों का निर्माण हुआ था। ये घाटियां उसी तरह की दिखाई पड़ती हैं जिस तरह की धरती के शुष्क क्षेत्र में पाई जाती हैं।
वैज्ञानिकों ने नदी घाटियों के आंकड़ों के अध्ययन से किया दावा
साइंस एडवांस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं का अनुमान है कि मंगल ग्रह पर एक समय पर्याप्त पानी रहा होगा। हालांकि सालों से वैज्ञानिकों में उस स्रोत को लेकर बहस चल रही है जिससे यहां पानी की उत्पत्ति हुई हो सकती है।
शोधकर्ता मंगल की नदी घाटियों के मानचित्र के आंकड़ों के उपयोग से इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इस ग्रह पर घाटियों का आकार आज भी नजर आता है। इनका निर्माण जरूर बरसात का पानी बहने से हुआ होगा। इससे यह संकेत मिलता है कि मंगल पर एक लंबी अवधि तक भारी बारिश होने के साथ हाइड्रोलॉजिकल जैसा माहौल था। सतह पर बारिश के पानी का तेज बहाव होने से घाटियों के नेटवर्क का निर्माण हुआ हो सकता है। इनका विकास उसी तरह होने का अनुमान है जिस तरह धरती के शुष्क इलाकों में नदी घाटियों का हुआ।