नोटबंदी के बाद से सरकार जहां कैश लेनदेन को कम करके डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है, वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों में कैश से सामान मंगाने का चलन फिर से बढ़ गया है। नोटबंदी के बाद इसमें करीब 55 फीसदी की गिरावट आ गई थी।
65 फीसदी तक हो रहा है कैश ऑन डिलीवरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोटबंदी के बाद लोग कैश के बजाए डिजिटल माध्यम जैसे कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेटबैंकिंग, मोबाइल वॉलेट जैसे माध्यमों का प्रयोग करके सामान का ऑर्डर कर रहे थे। वहीं कैश का प्रयोग केवल 45 से 55 फीसदी के बीच हो रहा था। स्नैपडील, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइट पर कैश एक बार फिर से किंग बन गया है।
टियर टू और थ्री शहरों में कैश लेनदेन
ज्यादातर टियर टू और टियर थ्री शहरों में भी ई-कॉमर्स कंपनियां अब धीरे-धीरे अपना रूख कर रही हैं। यहां पर लोग सामान मंगाने के लिए कैश ऑन डिलीवरी का चयन करते हैं। अभी 80 फीसदी से ज्यादा डिलीवरी कैश के जरिए हो रही हैं।
अब एजेंट्स के पास होती है स्वाइप मशीन
अमेजन इंडिया अपने डिलीवरी एजेंट्स को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन भी मुहैया करा रही है, ताकि जिन लोगों ने कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुना है वो अपने डेबिट कार्ड से स्वाइप करा सकें। कंपनी इसके साथ ही डिजिटल ट्रांजेक्शन पर छूट भी दे रही है।