अगले साल जनवरी से रेलवे कर्मचारियों को तभी सैलरी मिलेगी, जब वो अपना अटेंडेंस बायोमेट्रिक सिस्टम से लगाएंगे। इसके लिए रेलवे कर्मचारियों का डाटा उनके आधार से मैप किया जाएगा, जिसके जरिए कर्मचारियों की अटेंडेंस लिया जाएगा। 
मौजूदा समय में रेलवे में यह व्यवस्था रेलवे बोर्ड, जोनल हेडक्वार्टर और कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही उपलब्ध है।
इन कर्मचारियों का भी होगा आधार से अटेंडेंस
रेलवे में स्थाई तौर पर काम कर रहे गैंगमैन से लेकर के स्टेशन अधीक्षक, ड्राइवर और गार्ड तक सभी लोगों को ड्यूटी पर आने पर सबसे पहले बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा या फिर कार्ड स्वाइप करना होगा। इसके बाद ही वो ड्यूटी कर पाएंगे। अभी रेलवे के ज्यादातर कर्मचारी हाजिरी रजिस्टर पर साइन करते हैं, जिसके बाद ही उनकी तनख्वाह मिलती है।
31 जनवरी, 2018 तक सभी रेलवे के जोनल ऑफिस और डिवीजन में आधार आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम शुरू हो जाएगा। इस सिस्टम के तहत सभी कर्मचारियों को एक आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उसका पूरा विवरण दर्ज होगा।
बायोमेट्रिक मशीन के सामने कार्ड दिखाने या स्वाइप करने से उसका अटेंडेंस बन जाएगा। कुछ मशीनों में कर्मचारियों को अंगूठा भी लगाना पड़ सकता है।
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