बड़ी खबर: बाबा के 'सेक्स जेल' से पुलिस ने बरामद किए दो खास रजिस्टर....

बड़ी खबर: बाबा के ‘सेक्स जेल’ से पुलिस ने बरामद किए दो खास रजिस्टर….

आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के उत्तम नगर में दूसरे आश्रम की जांच में कई बातें सामने आई हैं। इस आश्रम में महिलाओं को न श्रृंगार करने दिया जाता था और न ही अच्छा खाना दिया जाता था।बड़ी खबर: बाबा के 'सेक्स जेल' से पुलिस ने बरामद किए दो खास रजिस्टर....
 

यहां रहने वाली महिलाएं किसी तरह का शौक नहीं करती थीं। इस आश्रम में सिर्फ महिलाएं रहती थीं। उत्तम नगर थाना पुलिस ने आश्रम से दो रजिस्टर बरामद किए हैं। इनमें कई हजार अनुयायियों का नाम व पूरा विवरण लिखा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन रजिस्टर को सीबीआई को सौंपा जाएगा।
 

द्वारका जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आश्रम में 21 महिलाएं रह रही थीं। इनकी उम्र 22 से लेकर 70 वर्ष तक है। हाईकोर्ट की कमेटी व दिल्ली महिला आयोग की टीम ने इनमें से पांच युवतियों को आश्रम से मुक्त कराने का दावा किया है।
 

महिला आयोग का कहना है कि ये पांच युवतियां नाबालिग हैं। उनकी उम्र का पता करने के लिए रविवार को मेडिकल जांच कराई जाएगी। हालांकि अस्पताल में शनिवार को हुई मेडिकल जांच में युवतियों ने खुद को बालिग बताया है।
 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि आश्रम में महिलाओं को श्रृंगार नहीं करने दिया जाता था। महिला साधारण कपड़ों में बिना मेकअप रहती थीं। उन्हें बहुत ही साधारण जैसे खिचड़ी आदि खाना दिया जाता था।
 

पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि आश्रम में दिल्ली पुलिस के बीट अफसर पहले भी जाते रहे हैं। उन्हें पहले कुछ गलत नहीं मिला, इस कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई।
 

हालांकि ये भी हो सकता है कि पुलिस जान-बूझकर नजरअंदाज करती रही हो। यहां हर रविवार को प्रवचन होता था। जो प्रवचन सुनने आता था, उसका नाम रजिस्टर में लिख लिया जाता था। 
 

एक महिला का चल रहा है इलाज
आश्रम में रह रही एक 35 वर्षीय महिला का राममनोहर लोहिया अस्पताल से इलाज चल रहा है। महिला का शुगर कम हो गया था। महिला आयोग की टीम ने इस महिला को छुड़ाने की बात कही थी, मगर उसने बाहर आने से मना कर दिया।
 

खर्च के लिए विजय विहार से आते थे पैसे
पुलिस अधिकारियों ने संचालक से आश्रम के खर्चे के पैसे के बारे में पूछा तो उसने कहा कि आश्रम का कोई ज्यादा खर्चा नहीं है। खर्चे के लिए पैसा विजय विहार स्थित मुख्य आश्रम से आता था। विजय विहार आश्रम से हर सप्ताह कोई न कोई आता था। 
 

कभी उत्तम नगर नहीं आया बाबा
आश्रम के लोगों का कहना है कि उनके मुख्य गुरु व आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित कभी उत्तम नगर स्थित आश्रम में नहीं आए। आश्रम में कागज की एक मुरली बनाई जाती थी। जो इस मुरली को उठा लेता था, वहीं प्रवचन सुनाता था। 
 

ब्रह्म को मानते हैं आश्रम के अनुयायी
आश्रम के संचालकों का कहना है कि वीरेंद्र देव दीक्षित के अनुयायी एक ही भगवान ब्रह्म को मानते हैं। ब्रह्म कौन से भगवान हैं, ये अनुयायियों को ज्यादा पता नहीं है। इनका एकमात्र उद्देश्य भगवान की प्राप्ति बताया जा रहा है। इनका मानना है कि शरीर व आत्मा अलग हैं। दोनों के स्वरूप अलग-अलग हैं। शरीर को कष्ट दे सकते हैं, मगर आत्मा को कष्ट नहीं देना चाहिए। बताया जा रहा है कि ये अलग तरह का धर्म है और इसके समर्थक कट्टर हैं। 
 

पुलिस को नहीं दिखी कोई गैरकानूनी गतिविधि
द्वारका के पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि उत्तम नगर स्थित आश्रम में कोई गैरकानूनी गतिविधि नहीं दिखी, न ही यहां रहने वाली किसी महिला व युवती ने शिकायत दी है। पुलिस को आश्रम से ऐसा कुछ नहीं मिला, जिस पर कोई कानूनी कार्रवाई की जा सके।
 

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