बीते साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद एकाएक इन खातों में धड़ाधड़ पैसे जमा होने लगे। जिसके बाद आयकर विभाग की भी नजर जनधन खातों पर पड़ी। लीड बैंक के आंकड़ों की मानें तो नोटबंदी के बाद फतेहाबाद जिले के बैंकों में पुराने नोटों की शक्ल में तकरीबन 12 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि जमा हुई। इसी तरह फतेहाबाद जिले के सैकड़ों जनधन खातों में भी करोड़ों रुपये जमा हुए थे।
बैंक शाखाओं में ही खुलेंगे आधार केंद्र
सूत्रों की मानें तो जल्द ही विभिन्न बैंकों की शाखाओं में भी आधार केंद्र बनाये जा सकते हैं। हालांकि फतेहाबाद जिले में इसकी संभावना काफी कम है। क्योंकि जिले में पहले से ही लगभग 95 फीसदी आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं। खुद जिला प्रशासन इसकी पुष्टि कर चुका है। लेकिन जिन इलाकों में अभी आधार कार्ड नहीं बने हैं, उन इलाकों के बैंकों में ही आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस प्रक्रिया में जिन खाताधारकों का बैंक में आधार कार्ड लिंक नहीं होगा, उनका आधार कार्ड बनवाकर खाते को लिंक कर दिया जाएगा और आधार कार्ड की कॉपी उपभोक्ता को दी जाएगी।
सूत्रों की मानें तो जल्द ही विभिन्न बैंकों की शाखाओं में भी आधार केंद्र बनाये जा सकते हैं। हालांकि फतेहाबाद जिले में इसकी संभावना काफी कम है। क्योंकि जिले में पहले से ही लगभग 95 फीसदी आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं। खुद जिला प्रशासन इसकी पुष्टि कर चुका है। लेकिन जिन इलाकों में अभी आधार कार्ड नहीं बने हैं, उन इलाकों के बैंकों में ही आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस प्रक्रिया में जिन खाताधारकों का बैंक में आधार कार्ड लिंक नहीं होगा, उनका आधार कार्ड बनवाकर खाते को लिंक कर दिया जाएगा और आधार कार्ड की कॉपी उपभोक्ता को दी जाएगी।
केवाईसी खाता बंद करने के लिए लिया जाता है। लेकिन अब केवाईसी में भी आधार नंबर मांगा जा रहा है ताकि खाता बंद करने से पहले उसे आधार लिंक किया जा सके। इससे बंद होने वाले खाते में पुरानी ट्रांजेक्शन की भी जानकारी मिल सकेगी।