लंदन। ब्रिटेन में सेना की भर्ती में बड़ी समस्या का मामला सामने आया है। दरअसल ब्रिटेन में सैनिकों की भर्ती की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसके कारण हजारों भावी सैनिक बीच प्रक्रिया से ही छोड़ कर चले जा रहे हैं। ब्रिटिश मीडिया की तरफ से कल रात को ये रिपोर्ट सामने आई।
1 लाख 7,500 ही सेना में भर्ती
ब्रिटिश अखबार द सन के मुताबिक, 1 लाख से अधिक लोगों ने सेना में भर्ती होने के लिए आवेदन किया लेकिन उनमें से केवल 7,500 लोग ही सेना में भर्ती हुए। उन्हें काफी मुश्किल प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ा। आवेदन प्रक्रिया पूरा होने तक में उन्हें 300 दिन लग गए। यही कारण है कि सेना में भर्ती होने वाले नौजवानों में सहनशक्ति की क्षमता और इच्छाशक्ति घट गई।
4,000 नौजवान छोड़ कर चले गए
कहा जा रहा है कि, 82,000 आवेदकों में से 4,000 नौजवानों ने इस लंबी अवधि की आवेदन प्रक्रिया से अपने हाथ खींच लिए। कहा जाता है कि, हर साल ब्रिटेन में सैनिकों की नौकरी छोड़ने वालों की भरपाई करने के लिए 10,000 नौजवानों की भर्ती करना आवश्यक होता है। बता दें कि, रक्षा मंत्रालय ने 2012 में सेना में भर्ती में मदद के लिए बिजनेस आउटसोर्सिंग फर्म ‘कैप्टा’ को काम पर रखा था।
ये हैं कारण…
कहा जा रहा है कि आवेदन प्रक्रिया पूरी होने में देरी होने वाले कारणों में मुख्य कारण मेडिकल परीक्षण और ऐसी ही अन्य परीक्षण हैं। हालांकि हर साल आवेदकों का एक तिहाई शैक्षणिक मानकों और चिकित्सकीय मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण इस प्रक्रिया से बाहर हो जाता है।
सेना प्रमुख का ये है बयान
पिछले साल सितंबर में 101,854 लोगों ने सेना में भर्ती होने का प्रयास किया था। लेकिन केवल 7,441 लोग इसमें सफल हुए। इस दौरान 9,718 लोगों ने बीच में ही छोड़ दिया। इसके दूसरे साल छोड़ने वालों की संख्या की तुलना में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ़ गई। पूर्व सेना प्रमुख जनरल लॉर्ड रिचर्ड डन्नट ने इसके बाद भर्ती के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अन्य प्रयास करने शुरु कर दिए।
रक्षा मंत्रालय कर रहा भर्ती प्रक्रिया में सुधार करने की कोशिश
उन्होंने कहा- मैंने सुना है कि बहुत सारे लोग जो आर्मी ज्वाइन करने का प्रयास कर रहे थे वे इसकी जटिल प्रक्रिया के कारण थक कर छोड़ कर जाने लगे हैं। हालांकि हम जानते हैं कि भर्ती प्रक्रिया काफी जटिल है, पहले वाली प्रक्रिया बेहतर थी और हम इसे पुराने प्रक्रिया में वापस ले जाना चाहते हैं, लेकिन यह काफी महंगी प्रक्रिया है इसलिए अब तक ऐसा नहीं किया जा सका है। एक सेना के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि हमारे विश्व स्तर के मानकों को पूरा करने वाले सैनिक जल्द से जल्द अपना प्रशिक्षण शुरू कर सकें।”