नई दिल्ली: त्रिपुरा में 25 साल के कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, मार्क्सिस्ट (सीपीएम) के शासन को उखाड़ फेंकने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के नायक बने 48 साल के बिप्लब कुमार देब त्रिपुरा के 10वें सीएम हैं. आज से पहले बहुत ही कम लोग बिप्लब देब को जानते थे इसका कारण है कि बिप्लब बहुत ही लो प्रोफाइल रहकर अपना काम करते हैं. सूत्रों के मुताबिक उनकी इसी प्रतिभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पहचान कर उन्हें दिल्ली से त्रिपुरा भेजा था.
पीएम मोदी का नॉर्थ ईस्ट से विशेष लगाव रहा है और इसका कारण भी है. एक समय ऐसा था जब कांग्रेस देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी और पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक उसका शासन था. धीरे-धीरे बीजेपी ने कांग्रेस को हराते हुए अपनी पहुंच बनानी शुरू की लेकिन दक्षिण और पूर्वोत्तर ये दो क्षेत्र ऐसे थे जहां बीजेपी को खुद को साबित करना बाकी था. असम में जीत दर्ज करने से बीजेपी ने पूर्वोत्तर में अपना खाता खोला था और इसी कड़ी में अब त्रिपुरा का नाम जुड़ गया है. अखिल भारतीय पार्टी बनने के लिए पूर्वोत्तर में जीत जरूरी थी और इसीलिए पीएम मोदी और अमित शाह ने बिप्लब को त्रिपुरा की जिम्मेदारी देकर दिल्ली से त्रिपुरा भेजा था.
पीएम मोदी और अमित शाह की पसंद बने बिप्लब देब के बारे में हम आपको बताते हैं 10 जरूरी बातें-
1. बिप्लब देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा के राजधर नगर में हुआ था. देब का बचपन और स्कूली शिक्षा भी त्रिपुरा में ही हुई है. स्कूली शिक्षा के बाद देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी.
2. मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे बिप्लब देब के पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे. बिप्लब के बारे में माना जाता है कि वह लो-प्रोफाइल रहकर अपना काम बखूबी अंजाम देने में माहिर हैं.
3. बिप्लब देब ने त्रिपुरा से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया. देब को जिम जाने का भी शौक रहा है और ऐसी भी खबरें हैं कि दिल्ली में रहने के दौरान वो एक जिम में लोगों को टिप्स भी दिया करते थे.
4. लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता रहे देब के राजनीतिक कौशल को पहचान कर ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी ने देब को 15 साल दिल्ली में रहने के बाद वापस त्रिपुरा भेज दिया और बेहद कम समय में ही जनवरी 2016 में देब को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया.
5. त्रिपुरा की राजनीति में लौटने के बाद पिछले साल अगस्त में देब ने बेहद चतुराई का परिचय दिया. राज्य में तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पार्टी के बड़े नेता सुदीप राय बर्मन को उनके समर्थित विधायकों के साथ बीजेपी के खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई.
6. त्रिपुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों को कामयाब बनाने में वह चुपचाप पर्दे की पीछे से अपना काम करते रहे हैं. राज्य के जनजातीय इलाकों में इन्होंने बीजेपी के लिए खूब काम किया.
7. बिप्लब के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज है. कम बोलने वाले और अपने काम पर ध्यान रखने वाले बिप्लब की पहचान बीजेपी में कर्मठ नेता की है.
8. बिप्लब ने नामांकन पत्र के साथ दिए ऐफिडेविट में अपनी संपत्ति मात्र 2,99,290 रुपये बताई थी. साफ छवि वाले बिप्लब कुमार शुरुआत दिनों से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं.
9. आरएसएस के वरिष्ठ नेता के. एन. गोविंदाचार्य के साथ काम कर चुके बिप्लब लंबे समय तक संगठन में काम कर चुके हैं. साल 2018 में बिप्लब ने पहली बार चुनाव लड़ा है, इस चुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस के विधायक गोपाल रॉय और सीपीएम के अमोल चक्रवर्ती के साथ था.
10. बिप्लब की पत्नी नीति देब बैंक में कार्यरत हैं. बिप्लब के दो बच्चे हैं एक लड़का और एक लड़की.