चोरल के पास छोटे से गांव की 15 वर्षीय किशोरी अपनी बकरी के लिए तेंदुए से भिड़ गई। बकरी को मुंह में दबाए तेंदुए पर तब तक लाठी से वार करती रही जब कि वह उसे छोड़कर भाग नहीं गया। इस दौरान तेंदुए ने किशोरी पर भी हमला करने का प्रयास किया लेकिन वह बगैर डटे मैदान में डटी रही। इस साहसिक कार्य के लिए जनपद पंचायत किशोरी का सम्मान करेगी।
चोरल से तकरीबन 20 किलोमीटर भीतर वनक्षेत्र में बसे केकरियाडाबरी गांव की फूलवंती का परिवार बकरी पालन कर आजीविका चलाता है। कुछ दिन पहले गांव में तेंदुआ घुस आया।
फूलवंती के घर के बाहर बंधी बकरी को लेकर जाने लगा। फूलवंती के मुताबिक उसे बकरी के चिल्लाने की आवाज आई। इस पर वह बाहर निकली तो नाहर(ग्रामीण तेंदुए को नाहर कहते हैं) बकरी को मुंह में दबाए जाता दिखा। इस पर पास ही पड़ा डंडा उठाकर वह भी नाहर के पीछे भागी। उसके पास पहुंच गई तो पहले थोड़ा डर लगा लेकिन हिम्मत जुटाकर नाहर के मुंह पर जोर जोर से डंडे मारे।
इसके बाद बकरी को पूंछ खींचकर नाहर के मुंह से निकाल लिया। शिकार मुंह से छिनता देख नाहर ने फूलवंती पर भी हमले की कोशिश की लेकिन लाठी लेकर मैदान में डटी फूलवंती ने फिर नाहर को लाठी मारी। चोंट लगने से नाहर भाग गया। मुंह में दबे होने से बकरी जख्मी हो गई थी इसे गांव वालो ने देशी इलाज कर ठीक किया।
पिता दशरथ बारिया ने कहा कि उनकी बेटी ने अपनी जान पर खेलकर तेंदुए से बकरी को बचाया है। बकरी पालन ही उनकी आजिविका है। यदि तेंदुआ उसे ले जाता तो परिवार के सामने पालन-पोषण का संकट खड़ा हो जाता।
सम्मान करेंगे
महू के जिला पंचायत सीईओ डॉ.कमलेश गर्ग ने कहा कि तेंदुए को बहादुरी से भगाने वाली किशोरी का सम्मान किया जाएगा।
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