फ्रांस 2014 तक उन सभी कारों को प्रतिबंधित करने जा रहा है, जो डीजल या पेट्रोल से चलती हैं। खबर के मुताबिक, पारिस्थितिकी मंत्री निकोलस हुलोट ने पेरिस जलवायु समझौते को लेकर नई प्रतिबद्धता के रूप में घोषणा की है कि जीवाश्म ईंधन से चलने वाली कारों पर रोक लगा दी जाएगी। जाने-माने पर्यावरण प्रचारक हुलोट ने कहा कि फ्रांस की योजना 2050 तक कार्बन निरपेक्ष देश बनने की है।
फ्रांसीसी बाजारों में हाइब्रिड कारों की मौजूदगी 3.5 फीसदी है, जबकि पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन मात्र 1.2 फीसदी हैं। हुलोट ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पुराने व अधिक प्रदूषण उत्सर्जित करने वाले वाहनों को बदलने के लिए सरकार वित्तीय सहायता देगी। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय बाजार में परंपरागत जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों की संख्या करीब 95 प्रतिशत है।
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यूरोप में नार्वे इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल को लेकर सबसे आगे है। उसकी योजना 2025 तक सिर्फ इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल की है। नीदरलैंड्स भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। जर्मनी तथा भारत ने भी 2030 तक ऐसे उपायों को अपनाने का लक्ष्य तय किया है।