प्रद्युम्न हत्याकांड के आरोपी 11वीं कक्षा के छात्र के फिंगर प्रिंट लेने के लिए सीबीआई की टीम मंगलवार को रेलवे रोड स्थित बाल सुधार गृह में पहुंची। सीबीआई की टीम करीब दो घंटे तक यहां रही। इस दौरान छात्र के वकील भी अंदर मौजूद थे और उनके सामने ही सारी कार्रवाई की गई।
हालांकि, छात्र के परिजन व वकील सीबीआई टीम के समय से पहले आने पर विरोध कर रही थी, मगर बाद में उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा कि सब कुछ उनके सामने हुआ है और उन्हें कोई शिकायत नहीं है। आरोपी किशोर को व्यस्क की श्रेणी में रखा जाए या नहीं, इस पर अदालत बुधवार को अपना फैसला देगी।
किशोर के फिंगर प्रिंट लेने के लिए मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम बाल सुधार गृह पहुंची। यह सारी कार्रवाई अदालत की तरफ से नियुक्ति दो वकीलों के सामने की जानी थी। आरोपी छात्र के परिजन व वकील करीब पौने दो बजे बाल सुधार गृह में पहुंचे।
दोनों वकील जब अंदर पहुंचे तो पता चला कि सीबीआई की टीम करीब पौने घंटे से अंदर मौजूद है। उन्होंने बाहर आकर यह बात छात्र के परिजनों को बताई, जिस पर उन्होंने एतराज भी जताया कि जब अदालत ने फिंगर प्रिंट लेने के लिए दो बजे का समय निर्धारित कर रखा है तो टीम पहले आकर कैसे कार्रवाई कर सकती है?
परिजनों से बातचीत करके दोनों वकील वापस बाल सुधार गृह में चले गए। करीब तीन बजे सीबीआई की टीम बाल सुधार गृह से बाहर आई और अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गई।
छात्र की तरफ से मौजूद अधिवक्ता डॉ. मुकेश कौशल ने बताया कि टीम बेशक एक घंटा पहले आई थी, मगर फिंगर प्रिंट लेने की कार्रवाई उनके सामने ही की गई। टीम ने किशोर के अंगुलियों के निशान लिए और उसे वापस भेज दिया।
पहले आकर छात्र से तो नहीं की कोई पूछताछ
सीबीआई टीम के निर्धारित समय से करीब एक घंटा पहले आने पर आशंका जताई जा रही है कि सीबीआई ने छात्र से अलग से बातचीत करने के लिए यह हथकंडा अपनाया। जब तक छात्र के परिजन व वकील वहां पहुंचते तब तक उन्होंने उससे अकेले में बातचीत की। हालांकि, सीबीआई टीम के जाने के बाद छात्र के वकीलों ने ऐसी किसी बात से इनकार करते हुए कहा कि सारी कार्रवाई उनके सामने ही हुई है। सीबीआई की टीम जल्दी गई थी, मगर उन्होंने अदालत के आदेश अनुसार उनके सामने दो बजे ही कार्रवाई शुरू की।
8 सितंबर को की गई थी प्रद्युमन की गला रेतकर हत्या
गत 8 सितंबर को गुरुग्राम के रेयान स्कूल में 7 साल के प्रद्युम्न की गला रेत कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हरियाणा पुलिस ने उसी दिन स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में मामला सीबीआई को सौंपा गया, जिसके बाद इस सनसनीखेज हत्याकांड में बड़ा मोड़ आया। सीबीआई ने जांच के बाद स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया। सीबीआई का दावा है कि आरोपी छात्र ने पीटीएम और परीक्षा को टालने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। सीबीआई जांच से हरियाणा पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए। आरोपी कंडक्टर को भी जमानत मिल चुकी है।