पटना। बिहार के छपरा जिले में पुलिस की दबंगई सामने आयी है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ दीपक कुमार को मांझी से आए दो जख्मी युवकों को भर्ती करने को लेकर नाराज मांझी थानाध्यक्ष ने उन्हें टेलीफोन पर ही हाथ पैर तोडऩे की धमकी दे डाली। जिसके बाद सदर अस्पताल में जमकर हो हल्ला हुआ। इस दौरान मांझी थाना के एसआई अजय कुमार सिंह व अन्य जख्मी को वापस लेकर लौट गए।
बताया जाता है कि मांझी में हुए विवाद के बाद आधा दर्जन युवक जख्मी हुए थे। जिन्हें मांझी थाना के एएसआई अजय सिंह सदर अस्पताल लेकर आए थे। उपचार के दौरान ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक द्वारा अमित और अभय नाम के दो युवकों को भर्ती कर लिया गया। चिकित्सक द्वारा दोनों को भर्ती किया जाना भारी पड़ गया।
जख्मी को लेकर पहुंचे एसआइ ने दोनों युवकों को भर्ती नहीं किए जाने को कहा। जिसके बाद चिकित्सक ने बताया कि उनके द्वारा दोनों मरीजों की स्थिति गंभीर देखकर भर्ती किया गया है और उनका भर्ती नामा भी बनाया जा चुका हैं। इसलिए अगर वह दोनों को ले जाना चाहते हैं तो बीएसए पर उन्हें हस्ताक्षर करना पड़ेगा। जिसके बाद एसआइ अजय ने फोन पर मांझी थाना प्रभारी को जानकारी दी।
इस दौरान मांझी थानाध्यक्ष द्वारा फोन पर ही दोनों को छोडऩे को कहा लेकिन चिकित्सक द्वारा इनकार किए जाने पर वह भड़क गए और कहां कि पुलिस हमेशा आप लोगों को हमेशा सहयोग करती है और आप लोग बात नहीं समझते हैं। इसके बाद उन्होंने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। जिसको लेकर अस्पताल में बवाल शुरू गया। इस बात की सूचना डॉक्टर दीपक के द्वारा सिविल सर्जन डॉ ललित मोहन प्रसाद एवं अस्पताल उपाधीक्षक डॉ शंभुनाथ सिंह को दी गई। देखते ही देखते हैं सदर अस्पताल में चिकित्सक भी पहुंच गए।
ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने बताया कि मांझी थानाध्यक्ष के द्वारा फोन पर उन्हें धमकाते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे हैं सिविल सर्जन एवं अस्पताल उपाधीक्षक के द्वारा पुलिस कप्तान हरकिशोर राय को इस बात की सूचना दी गई। उन्होंने मामले को संजीदगी से लेते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही।