जैसे ही पिरामिड की बात होती है तो जहन में सिर्फ एक ही नाम दौड़ पड़ता है और वो है ‘मिस्र’… इसे ‘Egypt’ नाम से भी जाना जाता है। पूरी दुनिया में अब तक केवल यही एक ऐसा देश है जो पिरामिड के लिए जाना जाता रहा है।
लेकिन क्या वाकई केवल यही देश है जहां पिरामिड है..? अगर हम कहें नहीं ऐसा नहीं है तो आपको जरूर हैरानी होगी। क्या आप जानते हैं मिस्र के अलावा अफ्रीका में भी पिरामिड हैं। लेकिन इसके बारे में लोगों को कम जानकारी है।
मिस्र के पिरामिड और सूडान के पिरामिड में काफी समानताएं हैं। दोनों ही जगहों पर पिरामिड नील नदी के किनारे पर बनाए गए हैं। इसलिए अब नील नदी को केवल मिस्र से जोड़कर मत देखना। नील नदी सूडान से होकर भी गुजरती है।
दरअसल, यह इलाका मौसम के लिहाज से बेहद शुष्क और दुर्गम माना जाता है। रेत की टिब्बा के बीच धंसे इन पिरामिडों की तस्वीरों से आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं। यहां पर्यटक इसलिए आते-जाते नहीं क्योंकि यहां दूर-दूर तक कोई रेस्तरां या होटल भी नहीं हैं।
पिरामिड का नाम प्राचीन शहर मेरो से आता है। यह कुश साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। पुराने अफ्रीकी साम्राज्य के इतिहास में इसका उल्लेख मिलता है। यही राज्य अब सूडान में स्थित है।
300 ईसा पूर्व, जब साम्राज्य की राजधानी को बदलकर मैदानी इलाके ‘मेरो’ कर दिया गया और राज्य के लोग वहां चले गए तो जाने से पहले यहां शाही राजाओं की कब्रगाहों को पिरामिडों का रूप दे दिया गया। पिरामिडों के निर्माण की फायरोनिक परंपराओं ने यहां दफ्न किए गए शासकों की कब्रों को अब तक संभाले रखा है।