नोटबंदी के बाद एक महीने में प्रदेश में करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए कीमत के बंद हो चुके 500 और 1000 के नोट जमा हाे चुके हैं।
करीब 1.75 लाख करोड़ के पुराने नोट रिजर्व बैंक पहुंच चुके हैं, जिन्हें रखने की जगह नहीं है। एकसाथ पुराने नोट इकट्ठे होने से रिजर्व बैंक में इन्हें रखने की जगह कम पड़ गई है। इसी के चलते दूसरी जगह से पुराने करंसी लेकर शुक्रवार को आए 4 ट्रक खाली नहीं हो सके और उन्हें सड़क पर खड़ा करना पड़ा।
रिजर्व बैंक 60 हजार करोड़ रुपए कीमत के नोट प्रदेश के बैंकों में सप्लाई कर चुका है। प्रदेश के प्रमुख 8 बैंकों की 298 चेस्ट भी पुराने नोटों से भरे हैं। उधर, 2000का नोट मार्केट में फ्लो नहीं हो पाया। 60 हजार करोड़ रु. सप्लाई होने के बावजूद मार्केट में नोटों की कमी महसूस हो रही है। इसलिए रिजर्व बैंक अब 2000 के नोटों के अनुपात में 100 500 रुपए के नोटों की खेप बैंकों में भेजेगा।
कतरन बनाने का काम शुरू नहीं होने के कारण यह समस्या खड़ी हुई, अब चेस्ट ब्रांचों में ही पुरानी करंसी रोकी गई है।
नोटबंदी का गणित
– 8284 एटीएम हैं प्रदेशभर में।
– 840 एटीएम जयपुर में है। इनमें से सिर्फ 480 में है पैसा।
– 298 चेस्टब्रांच हैं प्रदेशभर में सभी पुरानी करंसी से भर चुकी।
– 60,000 करोड़रु. की नई करंसी सप्लाई कर चुका आरबीआई।
– 50,000 करोड़रु. के रूप में 2000 के नोट सप्लाई किए गए प्रदेशभर में।
– नई करंसी जयपुर में सबसे ज्यादा सप्लाई की गई। इसके बाद अन्य जिलों में भेजी गई।
4 दिन में सिर्फ 5% कलेक्शन
नोटबंदी के बाद एक माह में जिस अनुपात में बैंकों में पुराने नोट जमा हुए उसके मुकाबले इस सप्ताह महज 5% ही जमा हुए। रिजर्व बैंक अधिकारियों का मानना है कि ज्यादातर रुपए जमा करवाए जा चुके हैं। अब अगले हफ्ते 1.50 अरब रु. के 500-500 रु. के अौर 3.50अरब रु. कीमत के 100-100 के नोट सप्लाई किए जाएंगे।