पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति एवं पीपल्स पार्टी के सह-प्रमुख आसिफ अली जरदारी को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इशारों ही इशारों में अल्टीमेटम दे दिया है।
नवाज ने कहा पाकिस्तान में रहना है तो सियासत से दूर रहना होगा वरना वही हाल होगा जो उनके साथियों और सहयोगियों का हो रहा है।
18 साल के स्वनिर्वासन के बाद जरदारी पाकिस्तान लौटे हैं। जरदारी केवापस आते ही पाकिस्तान रेंजर्स ने उनके करीबी बिजनेसमैन अनवर मजीद के घर और ऑफिसों ताबड़-तौड़ छापे मारे गये। अनवर को शायद इन छापों की खबर मिल गयी थी, इसलिए वो रेंजर्स के आने से पहले ही फरार हो गये।
इतना ही नहीं अनवर मजीद के खिलाफ खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। जरदारी के कई दूसरे करीबी सहयोगी भ्रष्टाचार एवं आतंकवाद में मदद करने के कई मामलों में जेल में बंद हैं। उनमें पूर्व पेट्रोलियम मंत्री एवं व्यवसायी डॉ ईशिम हुसैन शामिल हैं। जरदारी रविवार को एक हृदय रोग अस्पताल गए, जहां वे डॉ. हुसैन से मिले थे। राजनीतिक विश्लेषक निगार जाफरी ने कहा, ‘रेंजर्स ने उसी दिन छापेमारी की, जिस दिन जरदारी लौटे। इससे पता चलता है कि कई ताकतवर लॉबी उन्हें देश में देखना नहीं चाहतीं।’