नवरात्र में रात 10 बजे के बाद जागरण-गरबा में नहीं बजा सकेंगे लाउडस्पीकर
नवरात्र में रात 10 बजे के बाद जागरण-गरबा में नहीं बजा सकेंगे लाउडस्पीकर

नवरात्र में रात 10 बजे के बाद जागरण-गरबा में नहीं बजा सकेंगे लाउडस्पीकर

नवरात्र में रात 10 बजे के बाद जागरण और गरबा में लाउडस्पीकर के साथ म्यूजिक सिस्टम का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। संबंधित एसीएम व सीओ को इसका सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि तय मानक से ज्यादा शोर किया तो जागरण व गरबा के लिए दी गई अनुमति निरस्त की जाएगी। इतना ही नहीं प्रदूषण नियंत्रण नियमावली के तहत आरोपी के खिलाफ सीधे एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।नवरात्र में रात 10 बजे के बाद जागरण-गरबा में नहीं बजा सकेंगे लाउडस्पीकर 

सिटी मजिस्ट्रेट विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि लाउडस्पीकर के साथ बैंडबाजा व डीजे बजवाने की अनुमति लेने के बाद तय शर्तों का उल्लंघन कर मानक से अधिक शोर करने वालों को नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है। तय मानकों का पालन सुनिश्चित करवाने के लिए बुधवार से थानावार संबंधित एसीएम व सीओ धार्मिक स्थल, बैंडबाजा व गेस्ट हाउस संचालकों के साथ खुली बैठक का आयोजन करेंगे। बैठक में सभी को कार्रवाई को लेकर फिर से चेतावनी दी जाएगी।

उत्सव में न पड़े खलल, इसलिए परिसर के बाहर न जाए शोर
लाउडस्पीकर या म्यूजिक सिस्टम से इतनी ही आवाज होनी चाहिए, कि वह सबंधित परिसर से बाहर न जाए।  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय मानक के अनुसार आवाज के मानक 50 से 60 डेसीबिल तक है। सिटी मजिस्ट्रेट के मुताबिक, यदि जरा भी शोर बाहर सुनाई दिया तो लाउडस्पीकर उतार दिया जाएगा और आयोजकों पर भी कार्रवाई होगी।

आप भी करें प्रदूषण रोकने में सहयोग

सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि लोगों को ध्वनि प्रदूषण रोकने में बराबर का हिस्सेदार बनना चाहिए हमारी कोशिश भी है कि हम उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करें। रात दस बजे के बाद शोर सुनाई दिया तो साज-ओ-सामान जब्त करने के साथ ही संचालक के खिलाफ धारा 188 के तहत निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला भी दर्ज होगा।
सिटी मजिस्ट्रेट ने साफ किया कि पर्यावरण अधिनियम के तहत ध्वनि प्रदूषण फैलाने के दोषी के खिलाफ पुलिस में सीधे एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती। पुलिस व प्रशासनिक टीम ऐसे आरोपियों के खिलाफ संबंधित एसीजेएम कोर्ट में बस वाद दाखिल कर सकती है। सजा का प्रावधान कोर्ट स्तर पर मामले की सुनवाई के बाद होगा।

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